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60% खेतों में नहीं पहुंच रहा पानी : राधामोहन

पटना: बिहार के 60 प्रतिशत खेतों में आज भी सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में बिहार भला कैसे आगे बढ़ेगा? बिहार के गांव, गरीब और किसान आज भी जहां थे, वहीं खड़े हैं. गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश में 90 प्रतिशत खेतों में सिंचाई का पानी पहुंच रहा है. वहां की […]

पटना: बिहार के 60 प्रतिशत खेतों में आज भी सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में बिहार भला कैसे आगे बढ़ेगा? बिहार के गांव, गरीब और किसान आज भी जहां थे, वहीं खड़े हैं. गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश में 90 प्रतिशत खेतों में सिंचाई का पानी पहुंच रहा है.

वहां की खेतों में एक हेक्टेयर में चार टन, जबकि बिहार की खेतों में मात्र एक टन अनाज का उत्पादन हो रहा है. बिहार को अनाज उत्पादन और कृषि क्षेत्र में अव्वल बनाने के लिए हर खेत को पानी पहुंचाना होगा. उक्त बातें रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कही. वे एसके मेमोरियल हॉल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस समारोह में समापन भाषण कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि सिर्फ सिंचाई ही नहीं, मिट्टी के स्वास्थ्य की भी चिंता करनी होगी. जब-तक जमीन स्वस्थ नहीं होगी, तब-तक देश स्वस्थ नहीं होगा. मिट्टी जमीन का टुकड़ा नहीं, बल्कि हमारी मां है. केंद्रीय कृषि मंत्रलय ने सभी जिलों के संचित जमीन का टुकड़ा जमा करने और उसके स्वास्थ्य जांच करने का निर्णय लिया है. यूएनओ से सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को मिट्टी के गिरते स्वास्थ्य के प्रति आगाह किया था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधान मंत्री के ‘लैब-टू-लैंड’ प्रोग्राम के तहत देश के खेतों को पानी, मिट्टी, उत्पादकता, लाभ और प्रसंस्करण के मामले में अव्वल बनाने का निर्णय लिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस समारोह में ही अपना मार्ग दर्शन दिया था. उनके ‘लैब-टू- लैंड’ कार्यक्रम के तहत कृषि को उन्नत बनाने के लिए कई मोरचों पर काम हो रहे हैं.

इसका लाभ भी मिला है. तेलहन और दलहन की खेती का रफ्तार बढ़ी है. केंद्र सरकार ने कृषि विज्ञान केंद्रों के संचालन के लिए 3900 करोड़ की स्वीकृति दी है. बिहार में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और गया में भी केंद्र सरकार ने कृषि विज्ञान केंद्र खोलने की स्वीकृति दी है. समापन समारोह में उन्होंने आठ लोगों को केवीके अवार्ड से सम्मानित भी किया. इस मौके पर उन्होंने अखिल भारतीय कृषि छात्र संघ का बेबसाइट भी लांच किया. समापन समारोह में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बलियान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष डॉ एस अयप्पण, उपाध्यक्ष आ. राजगोपाल, डॉ एके सिंह और डॉ अनुपम मिश्र आदि भी उपस्थित थे.

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