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बिहार विस चुनाव: दशहरा-दीवाली के बीच चार से पांच चरणों में होगा मतदान
नयी दिल्ली/पटना: बिहार विधानसभा चुनाव संभवत: अक्तूबर के अंत से नवंबर की शुरुआत तक हो सकते हैं और इसके कई चरणों में होने की संभावना है. समझा जा रहा है कि आयोग त्योहार का समय शुरूहोने से पहले अक्तूबर के अंत या कुछ चरणों को दुर्गापूजा और दीपावली के बीच चुनाव कराने की संभावना पर […]
नयी दिल्ली/पटना: बिहार विधानसभा चुनाव संभवत: अक्तूबर के अंत से नवंबर की शुरुआत तक हो सकते हैं और इसके कई चरणों में होने की संभावना है. समझा जा रहा है कि आयोग त्योहार का समय शुरूहोने से पहले अक्तूबर के अंत या कुछ चरणों को दुर्गापूजा और दीपावली के बीच चुनाव कराने की संभावना पर विचार कर रहा है. चुनाव के चरणों की संख्या में बारे में अभी अंतिम फैसला लिया जाना है, लेकिन इसके चार या पांच चरणों में होने की संभावना है. 22 अक्तूबर को विजयदशमी और 11 नवंबर को दीपावली है, जबकि 17 नवंबर को छठपूजा है.
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, चुनाव के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के मकसद से राज्य की चुनाव मशीनरी की तैयारियों का आकलन करने के लिए आयोग के पूर्ण दल के बिहार दौरे पर जाने से पहले विभिन्न विषयों पर जोर-शोर से काम चल रहा है. मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी और चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति के अगले महीने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, पुलिस और प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा किये जाने की संभावना है. चूंकि बिहार के साथ कहीं और चुनाव नहीं होने के मद्देनजर चुनाव आयोग को उम्मीद है कि उसे वहां विधानसभा चुनाव सुचारु ढंग से कराने के लिए जरूरी संख्या में केंद्रीय बलों के कर्मी आसानी से प्राप्त हो जायेंगे. चुनाव आयोग मौसम की स्थिति, त्योहार, परीक्षा, छुट्टियां, मानसून, बाढ, बारिश की परिस्थितियों पर भी विचार करेगी.
आयोग अंतिम मतदाता सूची 31 जुलाई तक प्रकाशित कराने की तैयारी कर रहा है और इस बारे में बिहार भेजी गई चुनाव आयोग की टीम ने उसे चुनाव की तैयारियों के बारे में शुक्रवार को बताया. टीम ने आयोग को मतदाता सूची तैयार करने के कार्य की प्रगति और संवेदनशील क्षेत्रों का नक्शा बनाने और मतदाता सूची में नाम शामिल कराने में मतदाताओं को जागरूक बनाने की दिशा के चल रहे प्रयासों के बारे में बताया.चुनाव आयोग ने राज्य के लिए आडिटरों की चार विशेष टीमें भेजी हैं जो मतदाता सूची में फर्जी लोगों के नामों को हटाने का काम करेगी. चार टीमों में प्रत्येक में आयोग में नवगठित नियामक ऑडिट प्रकोष्ठ के छह-छह अधिकारी हैं और बिहार में अपने पहले दायित्व पर भेजे गये हैं. 31 जुलाई को मतदाता सूची प्रकाशित किये जाने के बाद चुनाव मशीनरी मतदाता सूची को अद्यतन बनायेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाहर रह गये लोगों को इसमें शामिल किया जा सके.
अगस्त के अंतिम से सितंबर के दूसरे सप्ताह तक अधिसूचना
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी की अंतिम रूप से समीक्षा के लिए चुनाव आयोग की टीम अगस्त के दूसरे सप्ताह में पटना का दौरा करेगी. इस दौरे के बाद ही आयोग बिहार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा करेगा. इस टीम में मुख्य चुनाव आयुक्त भी होंगे. विभाग के अधिकारी के अनुसार अगस्त के अंतिम सप्ताह से सितंबर के पहले सप्ताह तक चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है. मालूम हो कि 2010 के विधानसभा चुनाव को प्रेस नोट छह सितंबर को जारी हुआ था. चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना 27 सितंबर को जारी हुई थी. छह चरणों में मतदान 21 अक्तूबर से 20 नवंबर तक हुआ था.
29 नवंबर के पहले नयी विस का गठन
बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा की अवधि 29 नवंबर को समाप्त हो रही है व नये सदन का गठन इससे पहले हो जाना चाहिए. चुनाव नियत तिथि से पहले छह महीने के भीतर कराये जा सकते हैं.
भाजपा व जदयू-राजद का बहुत कुछ दावं पर
बिहार विस चुनाव में इस बार भाजपा और जदयू- राजद गंठबंधन का काफी कुछ दावं पर लगा हुआ है. दिल्ली विस चुनाव में करारी हार के बाद भाजपा को बिहार से काफी उम्मीद है, वहीं जदयू और राजद के एकसाथ आने के बाद इस गंठबंधन का भविष्य कसौटी पर है.
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