उसे ढाह दिया जाये. अस्पताल में जो मुफ्त में दवा मिल रही है, उसे बंद कर दिया जाये. कानून का राज स्थापित है, उसे ध्वस्त कर दिया जाये. बिहार के लोग और तरक्की चाहते हैं. बिहार आगे जा रहा है. विकास हो रहा है. भाजपा नहीं चाहती है कि बिहार आगे बढ़े. राज्य में चिंता मुक्त होकर जो कारोबार कर रहे हैं, उसे दहशत में ले जाना चाहती है. भाजपा क्या यही परिवर्तन चाहती है.
Advertisement
भाजपा नहीं चाहती बिहार आगे बढ़े: नीतीश
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को भाजपा के बिहार परिवर्तन अभियान पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह फिर से बिहार को गड्ढे में ले जाने का परिवर्तन चाह रही है. बिहार में अच्छा काम हो रहा है. विकास के राह पर चल पड़ा है. भाजपा अब कौन-सा परिवर्तन लाना चाहती है. संवाद कक्ष […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को भाजपा के बिहार परिवर्तन अभियान पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह फिर से बिहार को गड्ढे में ले जाने का परिवर्तन चाह रही है. बिहार में अच्छा काम हो रहा है. विकास के राह पर चल पड़ा है. भाजपा अब कौन-सा परिवर्तन लाना चाहती है. संवाद कक्ष में 137 पुल-पुलियों का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि परिवर्तन किसी चीज का होता है. राज्य में आधारभूत संरचना का निर्माण जैसे सड़क का निर्माण, पुल-पुलिया का निर्माण हुआ है.
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने जितनी बात कही, वह सभी जुमला है. खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यह कह रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जो कहेंगे, उसे बाद में भूल जायेंगे. योग को लेकर पूरे देश में प्रचार किया गया. बिहार में लोगों ने योग किया, लेकिन अमित शाह कुरसी पर बैठे रहे. उनके साथ कई भाजपा नेता बैठे रहे. अब बिहार के लोग झांसे में नहीं आनेवाले हैं. परिवर्तन रथ निकाल कर दुष्प्रचार करेंगे.
मोदी को छपास की लत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सुशील मोदी को छपास की लत लग गयी है. जब तक वे अखबार में नहीं छपते हैं तब तक उन्हें चैन नहीं है. वे अनर्गल बयानबाजी करते रहते हैं. सुशील मोदी द्वारा प्रशांत किशोर पर लगाये गये आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई मेरे साथ है तो उन्हें परेशानी हो रही है. मेरी होर्डिग लगाये जाने पर वे बौखला गये हैं. भाजपा कितना गैर कानूनी काम कर रही है, उसे पता नहीं है. रेलवे किनारे, सरकारी निर्माण पुल-पुलिया के दीवार पर नारा लिखने का काम हो रहा है.
उन्होंने कहा कि सुशील मोदी मेरे साथ रहे. उन पर व्यक्तिगत रूप से बोलना उन्हें अच्छा नहीं लगता है. हमलोग पॉजीटिव बोलते हैं, जबकि वे निगेटिव बोलते रहते हैं. जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाये जाने पर खिलाफ में बोल रहे थे. वे चिट्ठी लिखने तक का काम किये. हम उसे लोगों को दिखा दें क्या. जब मांझी को हटाया गया तो खिलाफ में बोलने लगे. यह अच्छा नहीं लगता है. जब तक मेरे साथ रहे ठीक था, अब उनकी बोली, स्वभाव सबमें परिवर्तन हो गया है.
दिल्ली के सीएम से पहले भी मिलते रहे हैं
पत्रकारों के पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से पहले भी मिलते रहे हैं. उनसे कोई बिहार के चुनाव को लेकर तो चर्चा नहीं की है. दिल्ली में बिहार के लाखों लोग रहते हैं. वहां के वे वोटर है. उनकी भावना उनसे जुड़ी है. दिल्ली के सीएम को काम करने से रोका जा रहा है. जब दिल्ली को राज्य का दर्जा मिला है तो उसके अपने पुलिस होने चाहिए.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement