नाटक ने दिये कई सामाजिक संदेशनुक्कड़ नाटक जागो हम इनसान हैं का हुआ प्रदर्शनलाइफ रिपोर्टर@पटनासमाज में कई ऐसे लोग आसपास मिल जायेंगे, जो खुद की गलती होने के बावजूद दूसरों पर इल्जाम लगा देते हैं. वे खुद पर ध्यान नहीं देते कि वे क्या कर रहे हैं. इससे समाज के दूसरे सभ्य लोगों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है. लोग परेशान होते हैं. इन बातों को दरसाता हुआ नाटक है ‘जागो, हम इनसान हैं’. रविवार को पुरानी गांधी जी की मूर्ति के पास इस नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया. अक्स संस्था ने इसे प्रस्तुत किया. नाटक की कहानी में चार किरदार होते हैं. एक दूधवाला होता है, जिसकी गाय मर जाती है. एक साहू जी होते हैं, जिनके दुकान में चोरी हो जाती है. एक किसान होता है, जिसकी बेटी मर जाती है. यह सब हादसे दूसरों की लापरवाही के कारण होते हैं. तीनों सरकार को दोषी करार देने के लिए सरकार के विरोध में खड़े होना चाहते हैं. इस बात पर गांव के सरपंच उन्हें समझाते हैं कि तुमने अपनी जिंदगी में देखा कि तुमने क्या-क्या गलती की थी.सभी अपनी जिंदगी को याद करने लग जाते हैं. वे याद करते हैं कि दूधवाले ने गाय से ज्यादा मात्रा में दूध प्राप्त करने के लिए इंजेक्शन लगाया था. इससे लोगों को भी नुकसान हुआ था. साहू जी ने किराने के सामान में वजन बढ़ाने के लिए कंकड़ वगैरह मिलाया था. किसान भी अनाज में बढ़ोतरी के लिए नुकसानदायक रसायन खेतों में मिलाता है. उसके बाद तीनों अपनी गलती पर पछतावा करते हैं.इस नुक्कड़ का निर्देशन एवं लेखन अहमद जमाल ने किया. नुक्कड़ में विशाल तिवारी, रवि राज रानो बाबू, कुमार विक्की ने अभिनय किया.
दूसरों को दोष देने से बचें
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