पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया जायेगा. उन्होंने बुधवार को पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में नयी पर्यटन नीति, 2015 के प्रारूप पर अधिकारियों से चर्चा की. मुख्यमंत्री ने पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिये उद्यमियों को बैंक लोन के ब्याज में छूट देने की भी घोषणा की. इससे उद्यमियों पर वित्तीय बोझ कम होगा और बिहार में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को अन्य सुविधाएं भी सरकार मुहैया करायेगी. उन्होंने निर्देश दिया कि इस संबंध में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह अपने स्तर पर बैठक करेंगे. सीएम ने कहा कि पर्यटन की परिभाषा बहुत व्यापक हो गयी है. इसमें पर्यटन से जुड़े सभी सेक्टर को शामिल किया गया है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पर्यटन विकास के लिए कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है, जिसमें पर्यटन परियोजनाओं को साकार करने के लिए विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया जायेगा. सीएम ने पर्यटन सचिव हरजोत कौर को निर्देश दिया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये. उन्होंने बिहार को ब्रांड बनाने का भी निर्देश दिया, ताकि देश- विदेश के लोग यह जान सके कि बिहार में कहां-कहां पर्यटन स्थल हैं. उन्होंने कहा कि पर्यटन के विकास से ही बिहार का विकास होगा. पर्यटन से संबंधित क्षेत्र होटल उद्योग, ढाबा, परिवहन, सड़क एवं विश्रम गृहों को विकसित किया जायेगा. बिहार के लोगों को पर्यटन के लिये टूरिस्ट गाइड, टूर टूर ऑपरेटर एवं होटल मैनेजमेंटका प्रशिक्षण दिया जायेगा. पर्यटन उद्योग बढ़ने से रोजगार का सृजन होगा तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा.
पर्यटन सचिव हरजोत कौर ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि बिहार में आने-वाले देशी- विदेशी पर्यटकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. दो करोड़ देशी तथा दस लाख विदेशी पर्यटक बिहार आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग को फंक्शनल बनाया जायेगा. बोधगया आने वाले विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बेहतर परिवहन, होटल एवं लोकल और टूर गाइड की बेहतरीन व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने लोकल गाइड को बेहतर- से- बेहतर जानकारी के लिये प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिया कि पटना में भगवान बुद्घ के 2550 वें महापरिनिर्वाण के अवसर पर स्थापित बुद्घा स्मृति पार्क का प्रचार-प्रसार पर्यटन विभाग करायेगा. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग को टास्क दिया कि वह कला एवं संस्कृति विभाग के साथ समन्वय कर पर्यटन के विकास के लिए तेलहाड़ा, कुर्कीहार, कुटुंबा एवं केसरिया का भी विकास करे. इन जगहों पर महत्वपूर्ण विरासत है, लेकिन वैसे स्थानों के कनेक्टिविटी पर ध्यान नहीं दिया गया है.
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वैशाली विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा. वैशाली के स्तूप में ही भगवान बुद्घ का वास्तविक पवित्र रेलिक निकला है, जो पटना के म्यूजियम में संग्रहित है. वैशाली में पत्थरों का स्तूप बनाया जा रहा है, जिसमें भगवान बुद्घ के पवित्र रेलिक को रखा जायेगा. स्तूप बनने के बाद, जो देशी- विदेशी पर्यटक बोधगया आयेंगे, वे बोध गया से वैशाली आ कर भगवान बुद्घ के पवित्र रेलिक का दर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि पर्यटन के बेवसाइट को अत्याधुनिक बनाया जाये, ताकि देश ही नहीं, विदेश के लोगों को भी बिहार के पर्यटन के संबंध में जानकारी एवं सारी सुविधाएं प्राप्त हो सके.
पर्यटन सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि कुर्कीहार में जितनी मूर्तियां निकली हैं, वहां के जमींदार साहू द्वारा करवायी गयी छोटी-सी खुदाई से प्राप्त हुई हैं. कुर्कीहार की मूर्ति दुनिया भर में है. उन्होंने कहा कि जब आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा खुदाई होगी, तो एक नया इतिहास का जन्म होगा. उन्होंने कहा कि तेलहाड़ा की खुदाई से यह स्पष्ट हो गया कि तेलहाड़ा में एक विकसित विश्वविद्यालय था. पर्यटन विभाग को इन स्थानों को विकसित करना चाहिये.
उन्होंने कहा कि पर्यटन के विकास के लिए पर्यटन के महत्ता के अनुरूप बिहार में सड़कों का निर्माण हुआ है. समीक्षा बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक, विकास आयुक्त एसके नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मितल, योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव डा दीपक कुमार, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण, प्रधान सचिव नगर विकास अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, निदेशक पर्यटन उमाशंकर सिंह और अपर सचिव पर्यटन राम किशोर मिश्र सहित संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.