पटना: राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बेतिया की पढ़ाई श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल, मुजफ्फरपुर में होगी. सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को दिया है. छह वर्ष पूर्व स्थापित इस मेडिकल कॉलेज में अब तक नामांकन शुरू नहीं हो पाया है.
सरकार के इस प्रस्ताव पर एक बार फिर नामांकन की अनुमति मिलने में पेच फंसने की आशंका व्यक्त की जा रही है. एमसीआइ की टीम ने दो व तीन मई को राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बेतिया व वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान, पावापुरी का निरीक्षण किया था. पावापुरी मेडिकल कॉलेज में नामांकन को लेकर, जो जानकारी एमसीआइ को दी गयी है, उसमें अस्पताल का संचालन बिहारशरीफ व शैक्षणिक कार्य पावापुरी में कराया जायेगा.
इसी तरह बेतिया मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण में अस्पताल का संचालन बेतिया में और शैक्षणिक कार्य के लिए मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में कराने की बात कही गयी है. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि पूर्व में पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज,धनबाद में इस तरह की व्यवस्था की गयी थी. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की कार्यसमिति के पूर्व सदस्य डॉ अजय कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थापना के लिए 300 बेडों का अस्पताल होना चाहिए. अस्पताल व कॉलेज के दो स्थानों पर संचालित करने के लिए 15 किलोमीटर की परिधि में ही संभव है.
पूर्व में क्या हुआ उसे वर्तमान में स्थापित होनेवाले मेडिकल कॉलेजों से नहीं की जा सकती है. कॉलेज व अस्पताल अगर 15 किलोमीटर के अंदर अवस्थित हैं, तो इसकी मंजूरी एमसीआइ दे सकता है. इस परिधि में पावापुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल आता है. मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 50 सीटों पर नामांकन होता है, जहां पर वहीं के विद्यार्थियों को पढ़ने की अनुमति है. बेतिया मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के बीच दूरी 125 किलोमीटर की है. बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास 300 बेडों का अस्पताल तो है, पर अभी तक कॉलेज भवन का निर्माण नहीं हो सका है.