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सूबे में नौ लाख से अधिक फर्जी रसोई गैस कनेक्शन!

तीनों गैस कंपनियों के 50 लाख से अधिक हैं उपभोक्तासब्सिडी योजना से जुड़ने नहीं आ रहा कोई, जबकि अंतिम तिथि है 30 जून राजेश कुमार, पटना पटना समेत पूरे प्रदेश में नौ लाख से अधिक फर्जी रसोई गैस कनेक्शन है. फर्जी गैस कनेक्शन को लेकर इंडेन सहित अन्य सारी कंपनियों ने जांच शुरू कर दी […]

तीनों गैस कंपनियों के 50 लाख से अधिक हैं उपभोक्तासब्सिडी योजना से जुड़ने नहीं आ रहा कोई, जबकि अंतिम तिथि है 30 जून राजेश कुमार, पटना पटना समेत पूरे प्रदेश में नौ लाख से अधिक फर्जी रसोई गैस कनेक्शन है. फर्जी गैस कनेक्शन को लेकर इंडेन सहित अन्य सारी कंपनियों ने जांच शुरू कर दी है. इस तरह के फर्जी कनेक्शन के नाम पर एक से दो गैस सिलिंडर बनानेवाले कारोबारियों को लाभ मिलता है. इसको लेकर लगातार सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है. सब्सिडी योजना के बाद विकल्प नहीं : नियम के मुताबिक एक मकान में दो गैस सिलिंडर व एक रेगुलेटर दिया जाता है. कई लोग ऐसे हैं, जो एक ही नाम को अलग-अलग बदल कर कनेक्शन ले लिये हैं, लेकिन सब्सिडी योजना के बाद इनके पास कोई विकल्प नहीं है. जिस नाम से गैस कनेक्शन है, उस नाम से बैंक पासबुक है ही नहीं. यही कारण है कि ऐसे लोग अब योजना से जुड़ने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. इंडेन के छह लाख से अधिक कनेक्शन : इंडेन के सूबे में सक्रिय उपभोक्ताओं की संख्या 33,91,155 है. इसमें से अब तक छह लाख से अधिक ग्राहक सब्सिडी योजना से नहीं जुड़े हैं. मतलब इसके कोई दावेदार नहीं आ रहे हैं. कंपनी का भी मानना है कि ये कनेक्शन फर्जी हैं, जबकि योजना से जुड़ने का अंतिम समय 30 जून है. वहीं एचपी गैस के 13.5 लाख ग्राहकों में से दो लाख से अधिक ग्राहक योजना से नहीं जुड़े हैं. वहीं भारत पेट्रोलियम के भी एक लाख से अधिक उपभोक्ता योजना से नहीं जुड़े हैं. गैस कंपनी के एक वरीय अधिकारी का कहना है कि मंत्रालय भी मान कर चल रही थी कि 80 से 85 प्रतिशत ही सही उपभोक्ता हैं.

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