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सैटेलाइट एवं मिसाइल युग में बढ़ी ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की मांग

लाइफ रिपोर्टर@पटनाएविएशन सेक्टर विश्व स्तर पर सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले सेक्टर्स में शामिल है. बिजनेस एविएशन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक रिपोर्ट के अनुसार एविएशन उद्योग आने वाले वर्षों में 30 से 40 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगा. इसलिए ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए छात्रों में होड़ मची है. ऐसे स्टूडेंट्स के लिए […]

लाइफ रिपोर्टर@पटनाएविएशन सेक्टर विश्व स्तर पर सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले सेक्टर्स में शामिल है. बिजनेस एविएशन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक रिपोर्ट के अनुसार एविएशन उद्योग आने वाले वर्षों में 30 से 40 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगा. इसलिए ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए छात्रों में होड़ मची है. ऐसे स्टूडेंट्स के लिए लखनऊ स्थित इंडियन एकेडमी ऑफ ऐरोनॉटिकल टेक्नोलॉजी एक बेहतर विकल्प है. इस संस्थान में ऐरोनॉटिकल की डिप्लोमा एवं डिग्री परीक्षा की कक्षाएं चलायी जाती है. संस्थान के निदेशक अरुण कुमार सिंह को उत्कृष्ट शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (2004) एवं एचिवर ऑफ द इयर अवार्ड (2012-13) से सम्मानित किया जा चुका है. यहां प्रतिवर्ष बिहार, यूपी, झारखंड, बंगाल, ओडिशा, समेत कई देश के कोने-कोने से स्टूडेंट के प्लेसमेंट की शतप्रतिशत व्यवस्था है. 2015 के सत्र के लिए संस्थान में नामांकन प्रारंभ हो चुके हैं. संस्थान में छात्राओं एवं पिछड़े वर्ग/निर्धन छात्रों के लिए फीस में 50 से 100 प्रतिशत छूट का प्रावधान भी है. पिछले दो वर्षों से आईएएटी ने मर्चेंन नेवी की भी ट्रेनिंग प्रारंभ की है, उसमें भी छात्रों को बेहतर कैरियर मिलने की अपार संभावनाएं हैं.

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