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ललित मोदी पर पीएम क्यों बने हैं मौनी बाबा : राजद

पटना : राजद प्रवक्ता सतीश गुप्ता, महासचिव इ अशोक यादव व भाई सनोज यादव ने भाजपा नेता अश्विनी कुमार चौबे पर पलटवार करते हुए पूछा कि उनको यह बताना चाहिए कि गुजरात हाइकोर्ट ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को तड़ीपार किया था या नहीं. श्री चौबे यह भी स्पष्ट करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र […]

पटना : राजद प्रवक्ता सतीश गुप्ता, महासचिव इ अशोक यादव व भाई सनोज यादव ने भाजपा नेता अश्विनी कुमार चौबे पर पलटवार करते हुए पूछा कि उनको यह बताना चाहिए कि गुजरात हाइकोर्ट ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को तड़ीपार किया था या नहीं. श्री चौबे यह भी स्पष्ट करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ललित मोदी में क्या रिश्ता है. ललित मोदी को लेकर उपजे विवाद के बाद प्रधानमंत्री मौनी बाबा बने हुए हैं. राजद नेताओं ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी में ज्ञानहीन एवं संस्कारहीन नेताओं का जमावड़ा है.
गरीबों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के नेता लालू प्रसाद व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना रंगा-बिल्ला से कर इन्होंने यह बता दिया है कि भाजपा के लोग कितने अभद्र हैं. इनमें संस्कार का घोर अभाव है. इस देश का संस्कार रहा है, महिलाओं की इज्जत करना एवं सम्मान देना.
ये लोग कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की तुलना, पूतना से कर देश की सारी महिलाओं का अपमान किया है. इनके वक्तव्य से देश शर्मसार हुआ है. इन लोगों के आचरण से आगामी चुनावों में भाजपा का विनाश हो जायेगा. भाजपा का कोई नाम लेनेवाले नहीं बचेगा. बिहार के गरीबों के प्रतीक लालू-नीतीश को अपशब्द कहे जाने पर जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार बैठी है.
पटना : भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने शुक्रवार को सीएम पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि बिहार की जदयू सरकार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध का ढोंग कर रही है. वह किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रही है. माले सचिव ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ जदयू ने भूमि बचाओ धरना देने का फैसला किया है, लेकिन भागलपुर, बेगूसराय, पटना और भोजपुर में किसानों की राय लिये बिना बिहार सरकार ने भूमि अधिग्रहण किया है. उचित मुआवजे की मांग को ले कर बिहटा के किसान को अपनी जांन तक गंवानी पड़ी. बियाडा की जमीन की बंदरबाट जगजाहिर है.
उद्योग के नाम पर आवंटित ढेरों जमीन यू हीं बंजर पड़ी है. विकास के नाम पर कृषि योग्य अधिगृहित जमीन को औने-पौने दाम में पूंजीपतियों के हवाले कर दिया गया है. उस पर कहीं शराब की फैक्टरी लगायी जा रही है, तो कहीं जानलेवा एस्बेस्टस के कारखाने लगाये जा रहे हैं. हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया है कि तमाम परती जमीन तत्काल पूंजीपतियों से वापस ली जाये, किंतु सरकार ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं कि कृषि विकास के बिना बिहार का विकास नहीं हो सकता. ऐसे में यह सवाल उठता है

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