नोट: जेनेरल में ग्राफ भी हैफिलहाल बदरा छायेंगे जरूर, पर बरसेंगे नहींसंवाददाता, पटनाबंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण मॉनसून आगे नहीं बढ़ पा रहा है. इस कारण बिहार में मॉनसून को लेकर अब भी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. अमूमन बिहार में मॉनसून 13 से 18 जून के बीच में प्रवेश कर जाता है. लेकिन, इस वर्ष मॉनसून की बारिश के अब तक नहीं होने के कारण सुबह से लेकर शाम तक चिलचिलाती धूप निकल निकल रही है और ऊमस भरी गरमी चरम पर है. यही कारण है कि बुधवार को राजधानी का तापमान 39.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. अधिकतम सामान्य से दो व न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक बिहार में मॉनसून आने में अभी चार दिन और लगेंगे. हालांकि, शुक्रवार से आसमान में बादल बनना शुरू हो जायेगा. जून माह में बारिश वर्ष 2014 और वर्ष 2012 में कमजोर मॉनसून के बावजूद 17-18 जून को मॉनसून की बारिश शुरू हो गयी थी. 2014 के जून में 69.7 एमएम और 2012 के जून में 24.6 एमएम बारिश हुई थी. हालांकि वर्ष 2009 में जून के अंतिम सप्ताह में मॉनसून आया था. पटना में जून में प्री-मॉनसून में 4.5 मिमी बारिश हुई है. पूर्वानुमानसूबे में मॉनसून प्रवेश करने में चार दिन और लगेंगे. इसका कारण है कि बंगाल की खाड़ी में बुधवार से एक्टिविटी शुरू हो गयी है, जिसका असर चार दिनों में दिखाई देने लगेगा. हालांकि, शुक्रवार से आसमान में बादल छाने शुरू हो जायेंगे, जिससे तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आयेगी. आरके गिरी, प्रभारी निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र
चार दिन और आगे खिसका मॉनसून (सं)
नोट: जेनेरल में ग्राफ भी हैफिलहाल बदरा छायेंगे जरूर, पर बरसेंगे नहींसंवाददाता, पटनाबंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण मॉनसून आगे नहीं बढ़ पा रहा है. इस कारण बिहार में मॉनसून को लेकर अब भी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. अमूमन बिहार में मॉनसून 13 से 18 जून के बीच […]
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