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ओले का साइज बताओ, पहले मापने की मशीन तो दिखाओ

केंद्रीय टीम के सदस्यों के अजब-गजब सवाल, वैसे ही जवाब पटना : राज्य में पिछले दिनों ओलावृष्टि और तूफान से फसल की क्षति का आकलन करने आयी केंद्रीय टीम के अजीबोगरीब सवाल से अधिकारी हैरान रह गये. मंगलवार की सुबह मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में केंद्रीय टीम के सदस्यों ने पूछा कि ओलापात […]

केंद्रीय टीम के सदस्यों के अजब-गजब सवाल, वैसे ही जवाब
पटना : राज्य में पिछले दिनों ओलावृष्टि और तूफान से फसल की क्षति का आकलन करने आयी केंद्रीय टीम के अजीबोगरीब सवाल से अधिकारी हैरान रह गये. मंगलवार की सुबह मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में केंद्रीय टीम के सदस्यों ने पूछा कि ओलापात कहां हुआ था? कब हुआ और ओला का साइज क्या था?
बैठक में मौजूद एक बिहार के सचिव स्तर के एक अधिकारी ने जवाब में कहा कि क्या ओलापात मापने की कोई विधि विकसित हुई है?
इस पर टीम के सदस्य ङोप गये. केंद्रीय टीम के शामिल एक सदस्य ने बिहार सरकार के अधिकारी से कहा कि ओलापात के पूर्व और बाद के मौसम की हमें रिमोट सेंसिंग मैप उपलब्ध कराया जाये, ताकि हम ओलापात के पहले ओर बाद की स्थिति की तुलना कर सके.
इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने केंद्रीय टीम से कम-से-कम छह जिलों का आकलन करने का अनुरोध किया था. लेकिन, केंद्रीय टीम ने सिर्फ तीन जिले वैशाली, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर को ही इसके लिए उपयुक्त माना. मुख्य सचिव के साथ बैठक के बाद टीम तीनों जिलों के लिए रवाना हो गयी. इसके साथ ही यह साफ हो गया कि फरवरी और मार्च में आलावृष्टि से हुई फसल क्षति का आकलन सिर्फ तीन जिलों में ही होगा.
इन्हीं तीन जिलों में क्षति के आकलन पर केंद्र सरकार बिहार को फसल क्षति मद में मदद करेगी. 10 सदस्यीय केंद्रीय टीम की मंगलवार को मुख्य सचिव के साथ विमर्श में जिस प्रकार के प्रश्न टीम ने किया, उससे कम ही उम्मीद है कि बिहार को उचित केंद्रीय मदद मिल पायेगी. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय टीम में शामिल एक बिहारी सदस्य ने माना कि ओला और बारिश के कारण गेहूं की गुणवत्ता में काफी कमी आयी है.
चुनाव वर्ष होने के कारण ही मिल सकती है केंद्रीय मदद : पिछले कई साल से बिहार में आपदा के बाद क्षति के आकलन के बावजूद बिहार को केंद्रीय मदद नहीं मिली है. इस बार भी आकलन के पूर्व जिस प्रकार केंद्रीय टीम के अधिकारी बिहार के पदाधिकारियों से प्रश्न पूछे हैं, उससे लगता नहीं है कि बिहार को कोई केंद्रीय मदद मिलेगी. बिहार सरकार के अधिकारी ने कहा कि यदि केंद्रीय मदद मिलती है, तो इसका पूरा क्रेडिट बिहार विधानसभा चुनाव को जायेगा.
केंद्रीय टीम के सदस्य की गाड़ी काएसी खराब, गाड़ी बदलने की हिदायत : भले ही बिहार और देश के गरीब किसान फसल की बरबादी पर रो रहे हों और सरकार से थोड़ी राहत के लिए जद्दोजहद कर रहे हों, पर इसका असर अधिकारियों पर नहीं दिखा. मंगलवार को केंद्रीय टीम के एक सदस्य के वाहन का एसी खराब हो गया.
इसकी सूचना वाहन उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति को दी गयी. टीम के सदस्य नाराज हो गये. जल्द ही दूसरा एसी वाहन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. बिहार के ही एक अधिकारी ने कहा, जल्द इंतजाम करें, अन्यथा दौरा रद्द हो जायेगा.
राज्य सरकार का मेमोरेंडम और बिहार को मिली मदद
वर्ष आपदा के कारण क्षति मिली राशि कारण
2007 17059 करोड़ 00 सुखाड़
2008 14800 करोड़ 1010 करोड़ बाढ़
2009 14000 करोड़ 00 सुखाड़
2010 6573 करोड़ 00 सुखाड़
2011 6573 करोड़ 1459 बाढ़
2013 12564 करोड़ 00 बाढ़
2015 2000 करोड़ 40 लाख … आला वृष्ठि
सिर्फ एक दिन का दौरा, तीन जिलों में होगा आकलन
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय टीम के सदस्य को छह जिलों का दौरा करने का कार्यक्रम दिया गया था, पर उन्होंने सिर्फ तीन जिलों का दौरा करने का निर्णय किया है.
पहली टीम मुजफ्फरपुर जायेगी. इसमें केएस श्रीनिवास, एपीएस सावने व वीरेंद्र सिंह शामिल हैं. दूसरी टीम वैशाली जायेगी, जिसमें जेपी मिश्र, जेसी सिंघल व अंबरीश नायक हैं.
वहीं, समस्तीपुर जानेवाली टीम में राजेंद्र मक्कर, आलोक द्विवेदी व अमरेश कुमार हैं. विभागीय अधिकारी ने बताया कि दो दिनों के दौरे के बजाय केंद्रीय टीम के सदस्य एक ही दिन में दौरा पूरा करने पर सहमत हुए हैं.

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