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पीएमसीएच में लौटी आधी राहत

हड़ताल पर नर्से दो फाड़ 250 नर्सो ने संभाला काम पटना : स्वास्थ्य विभाग ने हड़ताल को देखते हुए बुधवार की देर रात नर्सो की नियुक्ति को लेकर नोटिफिकेशन वेबसाइट पर डाल दिया है, जिसके बाद नर्सो के गुट दो भागों में बंट गये हैं. हालांकि इसके बाद भी मरीजों को राहत नहीं मिल रही […]

हड़ताल पर नर्से दो फाड़ 250 नर्सो ने संभाला काम
पटना : स्वास्थ्य विभाग ने हड़ताल को देखते हुए बुधवार की देर रात नर्सो की नियुक्ति को लेकर नोटिफिकेशन वेबसाइट पर डाल दिया है, जिसके बाद नर्सो के गुट दो भागों में बंट गये हैं.
हालांकि इसके बाद भी मरीजों को राहत नहीं मिल रही है. पीएमसीएच में कम-से-कम 1300 नर्सो की जरूरत है, लेकिन कुल 783 नर्से काम कर रही हैं. ऐसे में अगर 100 नर्से भी एक साथ काम छोड़ हड़ताल पर जाती हैं, तो इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ता है.
गुरुवार को नर्सो की हड़ताल खत्म करवाने के लिए प्राचार्य ने पहल की है,
लेकिन हड़ताल में शामिल नर्सो ने उनकी बात नहीं मानी और कहा कि नियुक्ति पत्र हाथ में मिलेगा, इसके बाद ही हम हड़ताल को खत्म करेंगे. इस हड़ताल ने इमरजेंसी में भरती मरीजों को परेशान कर दिया है. सुबह में मरीजों का हाल ऐसा था कि उनको दवा, इंजेक्शन व स्लाइन चढ़ाने वाला कोई नहीं था. मेट्रॉन ने नर्सिग स्टाफ व काम पर लौटी ए ग्रेड नर्सो से काम चलाया.
कई वार्ड कुप्रभावित
नर्सो की हड़ताल से कई वार्ड पूरी तरह से प्रभावित रहे. टाटा वार्ड में भरती रामपरी देवी को स्लाइन चढ़ रहा था और उनका हाथ फूल गया, लेकिन उसे निकालने वाला कोई नहीं था.
ड्यूटी रूम में नर्से नहीं थीं और इस कारण से वार्ड में मरीजों का हाल बुरा था. मरीजों को सुबह में समय से दवा नहीं मिली और जब डॉक्टर राउंड लेने पहुंचे, तो उनके पीछे नर्से भी पहुंची, लेकिन डॉक्टर के जाते ही नर्से गायब हो गयीं. सूत्रों की मानें तो दिन भर मरीज के परिजनों को वार्ड ब्वाय से काम चलाना पड़ा.
समय पर नहीं मिली दवा, डॉक्टर से भिड़े परिजन
पटना : पीएमसीएच के टाटा वार्ड में भरती भोजपुर की महिला (55)को नर्सिग स्टाफ ने समय से दवा नहीं दी. इस कारण परिजनों ने डॉक्टरों पर आक्रोश निकाला. पुलिस के हस्तक्षेप से मामला बढ़ने से रुक गया.
बताया गया कि नर्सो की हड़ताल के कारण मरीजों को समय से दवा नहीं मिल रही थी. ऐसे में एक नर्स को दवा देने के लिए कहा गया,तो उसने कहा कि महिला एचआइवी पॉजिटिव है.
हम उसे दवा नहीं देंगे. इससे परिजन नाराज हो गये और जूनियर डॉक्टर से उलझ पड़े. सुबह दस बजे जब यह घटना हुई,तो वार्ड में परिजनों की संख्या भी अधिक थी. प्राचार्य व अधीक्षक ने टाटा वार्ड पहुंच परिजन से बात की.

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