पटना : राज्य के 73 हजार प्राथमिक विद्यालयों में काम कर रही तदर्थ समिति को अब समाप्त कर नये सिरे से चुनाव कराया जायेगा. चुनाव आम सभा में होगा. सरकार ने समिति के स्वरूप तय कर दिया है. हर विद्यालय में संबंधित वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में 17 सदस्यीय समिति का गठन किया जायेगा.
50 प्रतिशत पदों पर महिलाओं की भागीदारी रहेगी. छात्रों को भी सदस्य के रूप में समिति में जगह मिलेगी. इतना ही नहीं, जीविका व महिला सामख्या ग्रुप से जुड़ी महिलाएं भी समिति में रहेंगी. मंगलवार को मंत्रिमंडल ने इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी.
भूमि दान करनेवाले भी सदस्य: कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने बताया कि बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली, 2011 की धारा 5 में संशोधन किया गया है. धारा 5 में विद्यालय शिक्षा समिति के गठन का प्रावधान है. विद्यालयों में शिक्षा समिति का चुनाव नहीं होने के कारण वहां तदर्थ समिति काम कर रही थी. अब उसे समाप्त कर वहां चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है.
समिति में 50 प्रतिशत महिला सदस्य होंगे. प्रधानाध्यापक के अलावा किसी वरीयतम शिक्षक को भी सदस्य बनाया जायेगा. दाता सदस्य के रूप में भूमि दान करनेवाले व 10 लाख से अधिक मूल्य की संपत्ति दान करनेवाले भी समिति में सदस्य रहेंगे.
तीन वर्ष का कार्यकाल: प्रधानाध्यापक संकुल समन्वयक की सहमति से विद्यालय शिक्षा समिति के चुनाव के लिए आम सभा बुलायेंगे. समिति का निबंधन प्रखंड शिक्षा समिति करेगी और इसका कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा.
इसमें यह भी प्रावधान है कि वैसे छात्र–छात्रा की नौ माताएं समिति में सदस्य बनेंगी, जिनकी उपस्थिति 50 प्रतिशत से अधिक होगी. प्रथम वर्ग के छात्र–छात्राओं के माता–पिता के लिए यह लागू नहीं होगा. प्रत्येक विद्यालय में बाल संसद व मीना मंच का गठन होगा.
वीएस दुबे कमेटी का कार्यकाल बढ़ा: मंत्रिमंडल ने राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षक/शिक्षकेतर कर्मियों के स्वीकृत पद, नियुक्ति, प्रोन्नति, वेतन निर्धारण, बकाया वेतन एवं पेंशन राशि के मामलों की जांच के लिए पूर्व मुख्य सचिव वीएस दुबे की अध्यक्षता में गठित समिति का कार्यकाल छह माह के लिए विस्तारित किया गया है. समिति का कार्यकाल 31 अगस्त, 2013 को समाप्त हो गया था. अब इसे 28 फरवरी, 2014 तक के लिए विस्तारित कर दिया गया है.
बाढ़ व सुखाड़ पीड़ितों के लिए 290 करोड़: राज्य सरकार ने बाढ़ व सुखाड़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए 290 करोड़ रुपया बिहार आकस्मिकता निधि से निकासी की मंजूरी दी है. इसका उपयोग खाद्यान्न, पशु चारा व दवा खरीदारी में किया जायेगा. मंगलवार को मंत्रिमंडल ने इस पर मंजूरी दे दी है.
बनेंगी दो वधशाला: मंत्रिमंडल ने पटना शहर के बाहर दो अत्याधुनिक वधशाला का निर्माण पीपीपी मोड पर कराने का निर्णय लिया है. भैंस व बकरा के लिए अलग–अलग वधशाला बनेगा. इसके लिए 10.97 करोड़ रुपये का अनुदान निर्माण एजेंसी को दिया जायेगी. राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजना है.
सरकार ने दी गारंटी:डेयरी उद्योग के विकास के लिए एनसीडीसी से राशि मिलना है. इसमें नये डेयरी संयंत्र, पशु आहार संयंत्र का निर्माण किया जायेगा. इसका निर्माण कंफेड के माध्यम से होना है. 704 करोड़ रुपये ऋण के रुप में कम्फेड को मिलना है. मंत्रिमंडल ने ऋण की गारंटी देने की स्वीकृति दी है.