लोकसभा चुनाव के समय कहने लगे कि काला धन लायेंगे और हर लोग के खाते में 15-20 लाख रुपये जमा करेंगे. ऐसा न हो सका. कम-से-कम एक-दो लाख ही दे देते. रोजगार नहीं दिया. तेल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ने लगी, तो उसके दाम भी बढ़ाने लगे. पहले तो कहते थे कि किस्मत है कि कीमत कम हो रही है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी चुटकी ली कि चलिये यह तो अच्छा है कि प्रधानमंत्री काफी दिनों से हमारे देश में हैं, नहीं तो वे तो विदेश यात्र पर ही रहते हैं. इतने कम समय में केंद्र सरकार का ग्राफ गिर गया है. केंद्र सरकार को एक साल में 10 में कितने अंक देने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोग परीक्षा में बैठे ही नहीं थे और न ही एंशर सीट ही मिली तो मूल्यांकन क्या करेंगे. कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार को सूट बूट की सरकार कहने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चस्पा है. किसी पर जब लग जाता है, तो उतना मुश्किल है. कुछ मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. नेपाल जाते तो भारत का नुकसान नहीं, बल्कि फायदा ही होता. केंद्र सरकार को भूमि अधिग्रहण बिल को विदड्रो कर 2013 के भूमि अधिग्रहण बिल को यथावत लागू किया जाये. 2013 का बिल तो ठीक ढंग से लागू भी नहीं हुआ.
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मोदी सरकार ने गंवाया एक साल, एक भी वादा पूरा नहीं : सीएम
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर कहा कि सरकार की कोई उपलब्धि नहीं रही है. उन्होंने एक साल का समय गंवा दिया है, जो बेहद निराशाजनक है. एक भी वादा पूरा नहीं किया गया, जो लोकसभा चुनाव के समय किये गये हैं. अब भी लगातार […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर कहा कि सरकार की कोई उपलब्धि नहीं रही है. उन्होंने एक साल का समय गंवा दिया है, जो बेहद निराशाजनक है. एक भी वादा पूरा नहीं किया गया, जो लोकसभा चुनाव के समय किये गये हैं. अब भी लगातार वादे किये जा रहे हैं. बिहार में विधानसभा चुनाव होना है और वादों की झड़ी लगनी शुरू हो गयी है. ऐसे वादों पर कौन यकीन करेगा, जिसे वे पूरा ही नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने साबित कर दिया है कि वादा निभाने के लिए नहीं होता है. यह तो चुनाव में जुमलेबाजी होती है.
उसकी पूरी भावना व स्प्रिट को समाप्त कर देना सही नहीं है. यह जो बिल बना था, उसे पास कराने में भाजपा के लोगों की भी सहमति थी, लेकिन अब अपना स्टैंड बदल रहे हैं. किसानों में आम धारणा बन गयी है कि नया बिल लागू हुआ तो उनकी जमीन उनसे ले ली जायेगी. इसलिए इसे प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाना चाहिए और बिल को वापस ले लेना चाहिए.
जीएसटी पर केंद्र के हैं साथ
नीतीश कुमार ने कहा कि जीएसटी (वस्तु सेवा कर) पर वे केंद्र सरकार के साथ हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है. जो भी हमारी चिंताएं थी, वह सब दूर हो चुकी हैं. जीएसटी कंज्यूमिंग समेटट के खिलाफ नहीं है. मेनूफैक्चरिंग स्टेट की चिंताएं थी, उस पर भी कुछ हल निकला है. एक दौर तो ऐसा था कि भाजपा शासित प्रदेश ही इसका विरोध कर रहे थे, उस दौर में भी बिहार जीएसटी का हिमायती था. इससे राज्यों का अधिकार डायलुट नहीं होता है. मैन्यूफैक्चरिंग स्टेट को कुछ रियायतें दी गयी हैं. इसके अलग-अलग इंटरेस्ट हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी पर आज से नहीं पिछले 10 सालों से बात चल रही है. समय-समय पर सरकार को जो भी मत था, उसे बताया.
जनता दरबार
मां का इलाज नहीं करा पा रहे, मौत दे दीजिए
मां को लकवा मार दिया है. हम इलाज नहीं करा पा रहे हैं. अब तक छह बार आ चुके हैं. मदद नहीं कर सकते हैं, तो मुङो मौत चाहिए. कहते-कहते गया का विनय राय बेहोश होकर गिर पड़ा. जनता दरबार में ही उसे पूरी जांच के लिए पीएमसीएच भेज दिया. स्वास्थ्य विभाग के सचिव आनंद किशोर कहा कि तबीयत ठीक होने के बाद वे खुद उससे मिलेंगे. जो समस्या होगी, उसका निराकरण करेंगे.
छात्रवृत्ति नहीं गयी, तो कॉलेज ने निकाल दिया
रोहतास के रासदेव सिंह श्री रंगा भूपति कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, चेन्नई में बी-टेक में पढ़ाता था, लेकिन राज्य सरकार की ओर से उसकी छात्रवृत्ति नहीं दी गयी. इसकी वजह से कॉलेज ने उसे निकाल दिया है.
घूस देने पर हो रही टोला सेवक पद पर बहाली
नवादा के मंटू रविदास ने कहा कि टोला सेवक में नियुक्ति होनी थी, लेकिन नाम स्वीकृत होने के बाद भी पैसा लेकर दूसरे को कर दिया गया. बक्सर के बृजमोहन राम ने कहा कि 2011 में ही टोला सेवक के लिए उसका सेलेक्शन हो गया है, लेकिन अब तक घूस की राशि नहीं देने के कारण उसकी बहाली नहीं हो रही है.
आंधी-तूफान से गिरा घर मुआवजा नहीं
गया के टेकारी से आये महेंद्र पासवान ने कहा कि आंधी तूफान की वजह से 2014 में ही उसके घर समेत गांव के करीब 90 घर गिर गये थे. सरकार ने घर की क्षतिपूर्ति के लिए राशि देने की बात की और राशि जिले में भेज दी गयी. बावजूद इसके अब तक राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है. अब तक पांच बार जनता दरबार आ चुके हैं. आवेदन को रख लिया गया और कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है.
रमई राम ने दिये दो हजार
अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री रमई राम के सामने एक लड़की शिकायत लेकर पहुंची. उसने कहा कि वह आगे की पढ़ाई करना चाहती है. इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से इसके लिए अनुदान मिलता है, लेकिन उसे पढ़ाई का पूरा खर्च चाहिए. फिलहाल उन्होंने अपनी तरफ से दो हजार रुपये छात्र को दिया है. साथ ही विभाग की ओर से और क्या किया जा सकता है उसका प्रयास करेंगे.
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