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अब एसएम राजू पर कार्रवाई तय

पटना: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत की जा रही कार्रवाई का परिणाम अब सामने आने लगा है. इसकी जद में आइएएस से लेकर निचली इकाई यानी पंचायत स्तर तक के कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई में तेजी आयी है. आइएएस अधिकारी के सेंथिल कुमार के बाद अब 1991 बैच के आइएएस अधिकारी […]

पटना: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत की जा रही कार्रवाई का परिणाम अब सामने आने लगा है. इसकी जद में आइएएस से लेकर निचली इकाई यानी पंचायत स्तर तक के कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई में तेजी आयी है. आइएएस अधिकारी के सेंथिल कुमार के बाद अब 1991 बैच के आइएएस अधिकारी एसएम राजू के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई का फैसला लिया है. इस वर्ष तीन महीनों में बिप्रसे के 11 अधिकारियों को सजा दी गयी है, जबकि एक दर्जन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के बिंदु पर जल्द निर्णय लेने की बात कही जा रही है. निगरानी की कार्रवाई में 41 लोकसेवकों के यहां छापेमारी की गयी तथा रिश्वत लेने के आरोप में उन्हें जेल तक भेजा गया है.

पटना नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोपित तत्कालीन निगम आयुक्त के सेंथिल कुमार निलंबित हैं. इनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है. अब एससी/एसटी कल्याण विभाग के सचिव एसएम राजू के खिलाफ सामान्य प्रशासन विभाग ने जांच संचालित करने का निर्णय लिया है. विभागीय जांच आयुक्त मनोज कुमार श्रीवास्तव को जांच संचालन पदाधिकारी बनाया गया है. राजू पर उपविकास आयुक्त, गया के कार्यकाल में मार्केट कॉम्प्लेक्स के निर्माण में वित्तीय अनियमितता का आरोप है. एक अन्य आइएएस अधिकारी जो सचिव स्तर के हैं , उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने पर जल्द निर्णय लिया जायेगा. लघु जल संसाधन विभाग के तत्कालीन सचिव एसएस वर्मा सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन उनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति अब तक केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रलय ने राज्य सरकार को नहीं भेजा है. वैसे एक दर्जन आइएएस अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच होनी है.

तीन के खिलाफ चल रही जांच
आइपीएस अधिकारियों में भी तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है. सारण के तत्कालीन डीआइजी जम्मू -कश्मीर कैडर के अधिकारी आलोक कुमार, शेखपुरा के तत्कालीन दो एसपी रण सिंह अनसूईया साहू और बाबू राम द्वारा कर्तव्य में लापरवाही को लेकर विभागीय कार्यवाही चल रही है. बिहार पुलिस सेवा के एक दर्जन अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है.

निगरानी की कार्रवाई में विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के निदेशक ध्रुव कुमार सहित 15 अधिकारियों को घूस लेते गिरफ्तार किया गया है. इनके अलावा 26 ऐसे कर्मी हैं पंचायत स्तर के हैं, जिन्हें घूस लेते पकड़ा गया. भागलपुर के तत्कालीन एसपी रहे रवींद्र शंकरण को विभागीय जांच में दोषमुक्त कर दिया गया है.

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