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नियोजित शिक्षक : वरीयता के आधार पर शिक्षकों को वेतनमान!
नियोजित शिक्षक : लागू हो सकती है नयी वेतन संरचना नियोजित शिक्षकों को मिल रही राशि कमेटी के गठन के लिए सीएम के पास गयी फाइल पटना : सूबे के नियोजित शिक्षकों को वरीयता के आधार पर वेतनमान दिया जा सकता है. नियोजित शिक्षकों के वेतनमान के लिए नयी वेतन संरचना भी लागू की जा […]
नियोजित शिक्षक : लागू हो सकती है नयी वेतन संरचना
नियोजित शिक्षकों को मिल रही राशि
कमेटी के गठन के लिए सीएम के पास गयी फाइल
पटना : सूबे के नियोजित शिक्षकों को वरीयता के आधार पर वेतनमान दिया जा सकता है. नियोजित शिक्षकों के वेतनमान के लिए नयी वेतन संरचना भी लागू की जा सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में कमेटी के गठन संबंधी फाइल शिक्षा विभाग ने मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेज दी है.
मुख्यमंत्री के साइन होने के बाद विभाग द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी जायेगी और एक महीने के अंदर में कमेटी को नियोजित शिक्षकों के वेतन संबंधी अनुशंसा करनी होगी. कमेटी मुख्य रूप से नियोजित शिक्षकों की क्या मांगें हैं, उन्हें फिलहाल कितनी राशि दी जा रही है, कौन सा वेतनमान दिया जा सकता है, उससे राज्य को कितना वित्तीय भार बढ़ेगा, दूसरे राज्यों में नियोजित व संविदा पर नियुक्त शिक्षकों को कितनी राशि दी जा रही है, इसकी पूरी समीक्षा की जायेगी.
कमेटी वेतन संबधी मामले में शिक्षक संगठनों से सुझाव ले सकती है और उनसे इस पर विमर्श भी कर सकती है. इसके अलावा शिक्षा विभाग द्वारा दूसरे राज्यों से मंगाये गये नियोजित व संविदा पर बहाल शिक्षकों के वेतन की रिपोर्ट पर भी कमेटी विचार करेगी. इसी आधार पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी सरकार को अपनी अनुशंसा कर सकती है. सूत्रों की माने तो ज्यादा संभावना नयी वेतन संरचना लागू करनी की है. उसे ही वेतनमान का स्वरूप दिया जा सकता है.
इसमें वरीयता का लाभ नियोजित शिक्षकों को मिल सकता है. जो शिक्षक 2006 में बहाल हुए हैं, उन्हें 2014 में बहाल शिक्षकों की तुलना में ज्यादा लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने नियोजित शिक्षकों की हड़ताल और स्कूलों में बाधित हो रही पढ़ाई को देखते हुए गुरुवार को शिक्षा विभाग की आपात बैठक बुलायी थी.
बैठक में उन्होंने नियोजित शिक्षकों की वेतनमान के संबंध में विचार के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था. कमेटी में विकास आयुक्त एसके नेगी, वित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर प्रसाद, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन व प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर सदस्य के रूप में रहेंगे.
ओडिशा मॉडल
ओडिशा में शिक्षा सहायकों की नियुक्ति होती है. उन्हें 5200 रुपये का मानदेय दिया जाता है. जब उनकी सेवा तीन साल होती है, तो वे शिक्षा सहायक से जूनियर शिक्षक बन जाते हैं और उन्हें 7000 रुपये प्रति महीने मानदेय दिया जाता है. जूनियर शिक्षक बनने के तीन साल बाद उन्हें ग्रेड पे दिया जाता है और वे वेतनमान वाले शिक्षक हो जाते हैं. शिक्षा सहायकों की नियुक्ति के छह साल बाद उन्हें 5200 रुपये का ग्रेड पे दिया जाता है. इसमें उन्हें 18 से 20 हजार रुपये प्रति महीने दी जाती है.
यूपी मॉडल
उत्तर प्रदेश में पहले शिक्षा मित्र की बहाली होती थी और उन्हें 3500 रुपये का मानदेय दिया जाता था, लेकिन 2010 के बाद से शिक्षा मित्रों की नियुक्ति बंद हो गयी है. वहां सहायक शिक्षकों की नियुक्ति होती है और उन्हें 9300 रुपये का ग्रेड पे दिया जाता है. पूर्व जो शिक्षा मित्र ट्रेंड हो जाते थे उन्हें सहायक शिक्षक का दर्जा भी दे दिया जाता था.
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