राज्य सरकार का मानना था कि इन योजनाओं पर खर्च के लिए केंद्र से चालू वित्तीय वर्ष में 27800 करोड़ मिलेंगे. पर केंद्रीय बजट के हिसाब से अब जो पैसा मिलेगा वह 15360 करोड़ होगा. इसका अर्थ है कि राज्य में केंद्रीय मदद से चल रही योजनाओं में 12450 करोड़ कम मिलेंगे. पिछले वित्तीय साल ( 2014-15) में केंद्रीय सहायता के तहत 24850 करोड़ मिले थे.
जानकारी के अनुसार कृषि, पशुधन एवं मत्स्य, कृषि, पशुघन, मत्स्य और को-ऑपरेटिव, पर्यावरण एवं वन, कला, संस्कृति एवं युवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह, सामाजिक कल्याण, अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण, पिछड़ों-अति पिछड़ों के कल्याण, शहरी विकास व आवास, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, उद्योग, योजना एवं विकास, पंचायती राज, श्रम, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, विधि, सड़क निर्माण, पर्यटन, जल संसाधन के तहत केंद्रीय योजनाओं की राशि में भारी कमी होने जा रही है.