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शिक्षित बेटियां तो सशक्त समाज: नीतीश

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण और बुनियादी चीज है. अगर लड़की पढ़ जायेगी तो जनसंख्या का नियंत्रण , बाल विवाह, भ्रूण हत्या रूक जायेगी. शिक्षा के जरिये ही स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लायी जा सकती है और इससे ही महिलाओं का सशक्तीकरण होगा. इससे समाज का माइंडसेट भी बदलेगा. मुख्यमंत्री […]

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण और बुनियादी चीज है. अगर लड़की पढ़ जायेगी तो जनसंख्या का नियंत्रण , बाल विवाह, भ्रूण हत्या रूक जायेगी. शिक्षा के जरिये ही स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लायी जा सकती है और इससे ही महिलाओं का सशक्तीकरण होगा. इससे समाज का माइंडसेट भी बदलेगा.

मुख्यमंत्री पटना में आद्री व पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ सीजन टू के रिलीज और बिहार में स्वास्थ्य, महिला व विकास : मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित परिचर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए कमेटी होनी चाहिए. विभिन्न समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के संपादकों एवं वरिष्ठ पत्रकारों के संग चली करीब तीन घंटे की परिचर्चा को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार सरकार ने महिला सशक्तीकरण के लिए पॉलिसी बनायी है. अगर पॉलिसी से बात नहीं बनी तो कानून की चर्चा होगी. उन्होंने यह भी कहा कि सारी समस्याओं का हल हो गया है यह कहना अव्यावहारिक होगा. इच्छाएं जगी हैं तो अब दिल मांगे मोर की स्थिति है. यह ठीक है इससे कमियां उजागर होती हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला शिक्षा को बढ़ावा मिलने से समाज की कई समस्याओं का खुद ब खुद निबटारा हो जायेगा. समाज में सेक्स रेसियो को ठीक करना है.

ऐसा नहीं होने पर हिंसा, अत्याचार बढ़ेंगे. समाज में लड़के-लड़की बराबर नहीं होंगे तो समाज बरबाद हो जायेगा. रही बात कानून की तो यह कितना प्रभावी होगा, सब जानते हैं. इसके लिए जागरूकता आवश्यक है. सीएम ने आंकड़ों के जरिये भी बताया कि बिहार की लड़कियां इंटरमीडिएट तक पढ़ जायेंगी तो जनसंख्या का स्थिरीकरण हो जायेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियां आज परिवार पर बोझ नहीं हैं. बेटियों के लिए बिहार सरकार काम कर रही है. जन्म से छह साल तक आंगनबाड़ी केंद्र, इसके बाद प्राइमरी स्कूल, मिडिल स्कूल, फिर हाइ व प्लस टू तक छात्राओं को पोशाक, किताब, मध्याह्न् भोजन, छात्रवृत्ति व साइकिल तक दी जा रही है. ऐसे में बेटियों को बेचने की क्या आवश्यकता है? वे बोझ कहां हैं? इसके लिए मानसिकता में बदलाव आवश्यक है. इस कैंपेन में मीडिया का अहम रोल होगा और इस पर काबू पाया जा सकता है. छात्रओं व महिलाओं की दिशा में सरकार ने बहुत काम किये. सिर्फ छात्रओं को साइकिल देने मात्र से स्कूलों में उनकी संख्या तो बढ़ी ही, पूरे समाज की मानसिकता में बदलाव आया है और छात्रओं का आत्मविश्वास भी बढ़ा है.

आज हमसे कोई बिहार के विकास की एक तसवीर के बारे में पूछेगा तो मेरी नजर में साइकिल चलाती लड़की ही सरकार की उपलब्धि बयां करने के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी होगी. अगर लोग एकांत में सोचे तो उन्हें इसकी अहमियत समझ में आयेगी. सीएम ने मीडिया ग्रुप के संपादकों से अपील की कि वे अपनी इच्छा के अनुसार सेल्फ हेल्प ग्रुप का चुनाव कर लें. उनका कैसे गठन हुआ, वे कैसे काम कर रही है? उनकी कहानी लिखें. समारोह में आद्री के सदस्य सचिव डा. शैबाल गुप्ता, पॉपुलेशन फॉउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा, ज्वाइंट डायरेक्टर सोना शर्मा, प्रियदर्शिनी त्रिवेदी, मैं कुछ भी कर सकती हूं के निर्देशक फिरोज अब्बास खान, वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी, एनडीटीवी की सीनियर एडिटर निधि कुलपति, द इंडियन एक्सप्रेस, नयी दिल्ली की नेशनल ऑपेनियन एडिटर वंदिता मिश्र मौजूद थी.

इच्छाएं जग गयी तो, ये दिल मांगे मोर:-
नीतीश ने कहा कि सारी समस्याओं का हल हो गया है, यह कहना अव्यावहारिक है. उनका पहला फोकस बच्चों को स्कूल पहुंचाना था. अब जब स्कूल पहुंच गये हैं तो क्वालिटी एजुकेशन देना है. नियमित रूप से समय पर स्कूल जाना, स्कूल में रहना भी अपने आप में एक शिक्षा है. इसके लिए सब लोग मिल कर काम करें. जो कमियां हैं उसे दूर किया जायेगा. पहले तो कुछ चाहिए ही नहीं था. इच्छाएं मर गयी थीं. अब जब जग गयी हैं तो फिर अच्छी, उसके बार सर्वश्रेष्ठ चाहिए. ये दिल मांगे मोर. इच्छाएं जब जग गयी है तो कमियां तो उजागर होंगी ही. हमने जो किया है उसे पूरा करेंगे. हम नहीं कोई और पूरा करेगा.
आइडिया की नहीं है कमी :-
सीएम ने कहा कि देश में किसी भी चीज की कमी हो लेकिन आइडिया की कमी नहीं है. सब कोई आइडिया देता है. अगर आप सोच कर चलेंगे कि वो कचरा बोल रहा है तो कुछ ग्रहण ही नहीं करेंगे. इसलिए जो भी लोग बोलें उनकी बात धैर्यपूर्वक सुननी चाहिए. उसे सुने, परखें और जो अच्छा लगे ग्रहण करें. उससे कुछ मूल्यवान चीज भी निकल कर सामने आ जाती है.
स्वच्छता की बात हो रही, सिर्फ बोलने नहीं आ जाती स्वच्छता
नीतीश ने कहा कि आज स्वच्छता-स्वच्छता की बात हो रही है. होनी भी चाहिए, लेकिन सिर्फ स्वच्छता बोलने से स्वच्छता नहीं आ जाती. पहले जरूरी नहीं था, लेकिन अब जरूरी लग रहा है. स्कूली छात्राओं को सरकार सेनेटरी नैपकिन के लिए राशि देने जा रही है. ताकि छात्राएं स्वस्थ भी रहें. उन्होंने कहा कि खुले में शौच करने के कारण भी कई घटनाएं हो रही हैं . 90 फीसदी बीमारी भी इसकी वजह से हो रही हैं. 2007-08 में ही उन्होंने संकल्प दिलाया था कि शौचालय जरूर बनायेंगे. सरकार ने पहले बीपीएल बाद में एपीएल परिवार के लिए लोहिया शौचालय योजना की शुरुआत की.
मुख्यमंत्री ने गिनायी उपलब्धियां :-
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सश्क्तीकरण के लिए पंचायती राज संस्थानों-नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण, प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति में 50 फीसदी आरक्षण, पुलिस कांस्टेबल-सब इंस्पेक्टर बहाली में 35 फीसदी आरक्षण के अलावा महिलाओं का सशस्त्र बटालियन बनाया गया है. अनुसूचित जन जाति वर्ग की महिलाओं का विशिष्ट बटालियन बनाया जा रहा है. प्राइमरी स्कूल में शुरू में क्लास छह से आठ तक लड़कियों को पोशाक दी जाती थी, लेकिन अब तो क्लास एक से 12वीं तक की छात्रओं को पोशाक के लिए राशि दी जा रही है. क्लास नौंवी के छात्र-छात्रओं को साइकिल की राशि जा रही है. सीएम ने कहा कि 2005 में 12.5 फीसदी बच्चे स्कूलों से बाहर थे. इसमें लड़कियों की संख्या ज्यादा थी. इन योजनाओं के कारण आज दो फीसदी से कम बच्चे ही स्कूली शिक्षा से बाहर हैं. सेल्फ हेल्प ग्रुप की स्थापना हुई. शुरू में छह जिलों के 44 जगहों पर, फिर बाद में पूरे बिहार में. अब 10 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाने का लक्ष्य है. इसमें से तीन लाख सेल्प हेल्प ग्रुप बनाये जा चुके हैं. यह मूक क्रांति के रूप में है, नीचे काम हो रहा है. महिलाएं आज पीडीएस दुकानें चला रही हैं. छात्रओं को सेनेटरी नैपकिन के लिए राशि देने की भी घोषणा की गयी है.
सीएम ने सुनाये अपने अनुभव :-
मुख्यमंत्री ने शिक्षा व स्वास्थ्य की प्राथमिकता को लेकर अपने अनुभव भी सुनाये. उन्होंने कहा कि वे जिस क्षेत्र से आते हैं वह टाल इलाका है. साल के चार महीने तक वहां पानी जमा रहता है. एक बार क्षेत्र से लौट रहे थे. रास्ते में कुछ लोग खड़े थे. वे भी जीप से उतर कर उनसे बात करने लगे. इसी भीड़ से एक 11-12 साल का बच्च निकला और कहा कि सर, हम पढ़ेंगे नहीं? हमने पूछा कि क्या नहीं पढ़ते हो, स्कूल नहीं जाते हो? उसने कहा स्कूल ही नहीं है. उसने मेरे जीवन में अमिट छाप छोड़ी. इसी तरह एक बार क्षेत्र में एक मीटिंग चल रही थी. एक आदमी मेरी तरफ आ रहा था. उसके शरीर पर नाम मात्र के कपड़े थे. मेरे पास आकर उसने सिर्फ इतना कहा कि अस्पताल पर ध्यान दें. गरीब आदमी इलाज कराने कहां जायेगा. मैंने इन दोनों अनुभव के आधार पर काम करना शुरू किया.
15 या 16 अप्रैल को होगी विलय की घोषणा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि जदयू और राजद के साथ छह पुराने दलों के विलय की सिर्फ औपचारिक घोषणा बाकी है. पटना में एक समारोह में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू, राजद, सपा समेत छह राजनीतिक दलों के विलय की बात तय है. अब तो सिर्फ औपचारिक घोषणा बाकी है. इसके लिए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को अधिकृत किया गया है. इधर, सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री 14 अप्रैल को दिल्ली जायेंगे. इसी दिन शाम राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के भी दिल्ली पहुंचने की संभावना है. दोनों नेता 15 या 16 अप्रैल को मुलायम सिंह यादव के आवास पर विलय प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए जुटेंगे. माना जा रहा है कि नीतीश, लालू, शरद की मौजूदगी में मुलायम सिंह यादव विलय को लेकर अपना निर्णय सुनायेंगे. इसी दिन नयी पार्टी के नाम की भी घोषणा की जायेगी. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने इसकी पुष्टि की है.
सभी फोरम पर रखी है अपनी बात
बिहार के अधिकारियों की नीति आयोग के साथ बैठक के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से मिल कर पहले ही बिहार की जरूरतों से संबंधित ज्ञापन दिया था और इसकी चर्चा भी की थी. उसी संदर्भ में राज्य सरकार की और से मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार दिल्ली गये थे. उसी बात को आगे बढ़ाने के लिए अधिकारियों ने नीति आयोग से मुलाकात की. अधिकारियों ने नीति आयोग के सामने बिहार की बातों को रखा है. बिहार को बीआरजीएफ के तहत जो विशेष सहायता मिलती थी, उसमें बिहार का आवंटन शून्य करने से हो रही कठिनाइयों पर बात हुई है. बिहार के हक का सवाल है. सभी फोरम पर इसे रख दिया है.
भाजपा विधायक समस्या लेकर आएं उनसे भी मिलेंगे
राजद विधायकों के साथ मुख्यमंत्री की मुलाकात पर भाजपा नेता सुशील मोदी के आपत्ति जताये जाने के बाद नीतीश ने कहा कि हम सभी विधायकों से मिलते हैं. हमने तो ज्यादातर बात भाजपा विधायकों के साथ ही की है. सभी से मिलेंगे और उनकी बात सुनेंगे. अगर भाजपा विधायकों को कोई समस्या है, तो वे उसे मेरे पास लेकर आएं, उनकी बात जरूर सुनी जायेगी. अब हर बात पर सिर्फ आपत्ति जताने हैं, तो इस पर क्या कहा जा सकता है.

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