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हाइकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को दी राहत, अब शिक्षकों को नहीं हटा सकेंगे मुखिया
पटना: ग्राम पंचायतों के मुखिया अब नियोजित शिक्षकों को नहीं हटा पायेंगे. पटना हाइकोर्ट ने गुरुवार को यह व्यवस्था दी. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश शिवाजी पांडेय के दो सदस्यीय खंडपीठ ने गोपालगंज जिले के कटैया प्रखंड की अकिया ग्राम पंचायत में नियोजित शिक्षिका संगीता यादव के मामले की सुनवाई करते हुए कहा […]
पटना: ग्राम पंचायतों के मुखिया अब नियोजित शिक्षकों को नहीं हटा पायेंगे. पटना हाइकोर्ट ने गुरुवार को यह व्यवस्था दी. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश शिवाजी पांडेय के दो सदस्यीय खंडपीठ ने गोपालगंज जिले के कटैया प्रखंड की अकिया ग्राम पंचायत में नियोजित शिक्षिका संगीता यादव के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मुखिया को नियोजित शिक्षकों को पद से हटाने और उनके नियोजन को चुनौती देने का अधिकार नहीं होगा. खंडपीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ता को राहत दी और उन्हें सेवा से हटाये जाने के एकलपीठ के आदेश को भी खारिज कर दिया.
नियोजित शिक्षक के पद पर संगीता यादव की नियुक्ति की गयी थी. उस समय उन पर आरोप लगा था कि कम अंक होने के बावजूद उनकी नियुक्ति कर ली गयी है. ग्राम पंचायत के मुखिया ने इस आधार पर उनकी नियुक्ति को प्राधिकार के समक्ष चुनौती दी. प्राधिकार ने चुनौती के आधार पर संगीता यादव की सेवा समाप्त कर दी. प्राधिकार के फैसले के खिलाफ संगीता यादव ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर की. एकलपीठ ने प्राधिकार के फैसले को सही मानते हुए उनकी नियुक्ति रद्द करने की प्रक्रिया को सही करार दिया था. एकलपीठ के फैसले के खिलाफ उन्होंने हाइकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की. इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षतावाले दो सदस्यीय खंडपीठ ने उनके पद पर बने रहने का फैसला सुनाया.
अब सरकार नीतिगत निर्णय ले : मोदी
पटना. भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने गुरुवार को कहा कि नियोजित शिक्षकों के बारे में राज्य सरकार को नीतिगत निर्णय लेना चाहिए. विधान परिषद में अपने कक्ष में उन्होंने कहा कि वार्ता के लिए जब शिक्षकों को बुलाया गया था, तो राज्य सरकार का दायित्व था कि उतने ही लोगों को बुलाया जाता. नियोजित शिक्षकों के वेतनमान, उनके स्थानांतरण, नियमित वेतन भुगतान व पेंशन को लेकर घोर अराजकता है. लगता है राज्य सरकार सरेंडर कर दी है कि अब कुछ नहीं हो सकता है.
वेतनमान व तबादले पर विधान परिषद की कार्यवाही बाधित
पटना. विधान परिषद में नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने व उनके स्थानांतरण के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा किया. भाजपा सदस्य वेल में पहुंच गये और नारेबाजी की. इससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई. यह देख सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन की कार्यवाही आधा घंटा पहले भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी.भाजपा सदस्यों ने इस मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया. विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि साजिश के तहत बुधवार को इस मुद्दे पर सरकार के साथ होनेवाली वार्ता को स्थगित कराया गया है. इससे राज्य भर में नियोजित शिक्षक हड़ताल पर चले गये हैं. स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य ठप है. भाजपा सदस्य मंगल पांडेय, लाल बाबू प्रसाद, बैद्यनाथ प्रसाद, संजय मयूख, किरण घई सिन्हा, सत्येंद्र कुशवाहा ने अपन-अपनी सीट पर खड़े होकर विरोध जताया.
सत्ता पक्ष के सदस्य नीरज कुमार ने कहा कि छह अप्रैल को उनके कक्ष में इस मुद्दे पर सरकार के साथ वार्ता के लिए आठ अप्रैल को तारीख तय हुई थी. बुधवार को जब वार्ता के लिए बुलाया गया, तो 200 नियोजित शिक्षक वार्ता में पहुंचे. नियोजित शिक्षकों का कहना था कि 20 नियोजित शिक्षक संगठनों के साथ सरकार वार्ता करे. वार्ता के दौरान विधान पार्षद केदार पांडेय, देवेशचंद्र ठाकुर, महाचंद्र प्रसाद सिंह, संजीव श्याम सिंह, संजीव कुमार सिंह, दिलीप कुमार चौधरी, मदन मोहन व संजय कुमार सिंह शामिल थे. एक शिक्षक महासंघ ने विधान पार्षदों की उपस्थिति पर एतराज जताते हुए आपत्तिजनक बयानबाजी की है. यह चिंता का विषय है. सरकार वार्ता करना चाहती है. इस मुद्दे को लेकर लगभग पांच मिनट तक सदन की कार्यवाही बाधित रही. नीरज कुमार ने शिक्षक संघ के स्लोगन ‘ मांग रहा बिहार, सीएम हो हमार’ पर आपत्ति व्यक्त की.
प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में भाजपा के संजय मयूख व रजनीश कुमार अपने कार्यस्थगन प्रस्ताव पर दुबारा बहस कराने की मांग करने लगे. सदस्यों ने कहा कि यह गंभीर मामला है. प्रो नवल किशोर प्रसाद यादव ने कहा कि स्कूलों में पठन-पाठन ठप होने से इसका असर रिजल्ट पर पड़ेगा. उर्दू व बांग्ला के टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे. पुलिस ने उसकी पिटाई की है. स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं. भाजपा सदस्य अपनी मांग को लेकर वेल में पहुंच गये. इससे सभापति ने सदन की कार्यवाही आधा घंटा पहले भोजनावकाश तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
एक-दो दिनों तक वाच फिर कड़ी कार्रवाई
राज्य सरकार शिक्षकों के इस आंदोलन पर वेट एंड वाच की स्थिति में है. शिक्षा विभाग के प्रवक्ता अमित कुमार ने कहा कि विभाग एक-दो दिनों तक पूरे मामले पर अपनी पैनी नजर बनाये रखेगी. इसके बाद जिलों की रिपोर्ट की समीक्षा की जायेगी और उसके बाद कार्रवाई की रूपरेखा तय की जायेगी. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की तालाबंदी का असर मुख्य रूप से पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी व समस्तीपुर में है. बाकी जिलों में स्कूलों में तालाबंदी का हल्का असर है. एक से दो दिन तक नजर रखने के बाद कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.
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