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खुल रहीं गांठें: झारखंड के सिमडेगा से लाये गये थे बम!
पटना: झारखंड के सिमडेगा से बम लाये गये थे. यह फिलहाल पुलिस के अनुसंधान में सामने आया है. लेकिन, केवल इस बात की पुष्टि हुई है कि सिमडेगा में पूर्व में जो बम पुलिस को मिले थे, उसी तरह के बम बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में बरामद किया गया है. इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा […]
पटना: झारखंड के सिमडेगा से बम लाये गये थे. यह फिलहाल पुलिस के अनुसंधान में सामने आया है. लेकिन, केवल इस बात की पुष्टि हुई है कि सिमडेगा में पूर्व में जो बम पुलिस को मिले थे, उसी तरह के बम बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में बरामद किया गया है. इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि बम को सिमडेगा से लाया गया था. लेकिन, इसे कहां बनाया गया है, इसकी जानकारी फिलहाल पुलिस के पास नहीं है.
आतंकियों-नक्सलियों की मिलीभगत की अफवाह
यह भी चर्चा में आया था कि आतंकी व नक्सली अब आपस में मिल गये है और एक-दूसरे को मदद कर रहे है. हालांकि एसएसपी जितेंद्र राणा ने इसे अफवाह बताया है और कहा कि इस तरह की बात फिलहाल अनुसंधान में सामने नहीं आयी है. उन्होंने कहा कि सिमडेगा में इसी तरह के बम मिले थे, जिससे यह कयास लगाया जा रहा है कि बम सिमडेगा से ही पटना आया है.
रिमांड की अवधि खत्म, दोनों भेजे गये जेल
बहादुरपुर बम ब्लास्ट में पकड़े गये कुंदन व विक्की को पुलिस ने बुधवार को न्यायालय में उपस्थित कराया. जहां से उन दोनों को जेल भेज दिया गया. इन दोनों को पुलिस ने चार दिनों के रिमांड पर लिया था और आज रिमांड की अवधि खत्म हो गयी थी.
और भी हो सकता है बम
पुलिस अभी इस विंदु पर भी अनुसंधान कर रही है कि पटना में और भी बम लाये गये होंगे. इसलिए इस बिंदु पर भी अनुसंधान किया जा रहा है. इसके पीछे यह बताया जा रहा है कि अगर बम में विस्फोट न होता, तो शायद इन तीन बमों की भी जानकारी नहीं मिल पाती.
दिनेश गोप व जिदन गुड़िया की तलाश तेज
पटना. बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में टाइमर बम छिपाने व विस्फोट होने की घटना के पीछे पीएलएफआइ के हाथ होने की बात लगभग तय है. अब तक पुलिस के पास जो नाम आ चुके हैं उनकी तलाश चल रही है. इसके अलावा दिनेश गोप की खोज भी तेज हो गयी है. झारखंड में हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के बाद उड़ीसा के सीमाई इलाकों में शरण लेनेवाले दिनेश गोप को झारखंड व बिहार की पुलिस खोजने में जुटी हुई है. दरअसल झारखंड के बरही में आजसु नेता तिलेश्वर साहू की हत्या के बाद एमसीसी और पीएलएफआइ आमने-सामने हो गये थे. सूत्रों की माने तो इसी घटना के बाद संगठन बड़ी घटना के जरिये अपने प्रभाव को और बढ़ाना चाहता था. उधर गृह मंत्रलय द्वारा आंतरिक सुरक्षा को लेकर की जा रही तैयारियों को देखते हुए पीएलएफआइ ने नये लड़कों को जोड़ कर झारखंड के अलावा बिहार की तरफ मूव किया. नालंदा का सोनू पीएलएफआइ के इशारे पर पटना में बड़ी घटना का अंजाम देने में जुटा हुआ था. लेकिन, फ्लैट में बम फट जाने से मामला अधर में ही लटक गया. फिलहाल सोनू की तलाश में जुटी पुलिस ने झारखंड व उड़ीसा के सीमाई क्षेत्रों में भी पड़ताल तेज कर दी है. पुलिस को दिनेश गोप के साथ उसके अन्य सहयोगी जिदन गुड़िया, चंचल सोरेन, ऐंठल बोदरा, दिनेश साहू सहित अन्य की तलाश कर रही है.
नक्सली संगठन से जुड़े हैं तार : विजय चौधरी
राजधानी में 30 मार्च को बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी विस्फोट से झारखंड के नक्सली संगठन पीएलएफआइ के तार जुड़े हैं. मामले की छानबीन में झारखंड पुलिस से मदद ली जा रही है. झारखंड पुलिस के पदाधिकारी बिहार में छानबीन कर रहे हैं और बिहार पुलिस को हर तरह का सहयोग भी कर रहे हैं. बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी विस्फोट के तीन आरोपित अब-तक गिरफ्तार हो चुके हैं. शेष अपराधियों की भी बहुत जल्द गिरफ्तारी होगी. बुधवार को विधानसभा में जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी विस्फोट कांड को ले कर सरकार के जवाब में कही. जवाब के दौरान सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे. विस्फोट कांड को ले कर एक अप्रैल को विधानसभा में भाजपा ने जम कर हंगामा किया था और सरकार से जवाब देने की मांग की थी. चौधरी ने कहा कि सरकार एक अप्रैल को भी सदन में जवाब देने को तैयार थी, पर विपक्ष के सदस्य सरकार का जवाब सुनने को तैयार नहीं थे. उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को बहादुरपुर हाऊसिंग कॉलोनी के एमआइजी फ्लैट नंबर-21 में विस्फोट की अगमकुआं थाना को सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गयी. कॉलोनी में एक डिनोटर फटा था. शुक्र था कि कॉलोनी में कोई था नहीं, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ. शेष बमों को निष्क्रिय कर उसकी जांच शुरू की गयी. उन्होंने बताया कि इस मामले में हिलसा के हेमंत कुमार, नालंदा के कुंदन कुमार और अशोक कुमार को गिरफ्तार किया गया है. वे कॉलोनी में अनधिकृत रूप से रह रहे थे. गिरफ्तार कुंदन कुमार का आपराधिक रिकार्ड रहा है. घटना की जांच एनआइए की टीम भी कर रही है. टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है. इसके तार झारखंड के नक्सली संगठन पीएलएफआइ से भी जुड़े हैं.
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