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हर डॉक्टर का है अलग मर्ज
जूनियर डॉक्टर : रिटायरमेंट व परीक्षा को लेकर बढ़ा आक्रोश पटना : डॉक्टरों के रिटायरमेंट व नियुक्ति में इंटरव्यू नहीं लिखित परीक्षा को लेकर जूनियर डॉक्टरों में आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं. गुरुवार को बीपीएससी ऑफिस के बाद प्रदर्शन व उसके बाद शुक्रवार को पीएमसीएच परिसर में दोनों मुद्दों को लेकर हुई बैठक से सीनियर […]
जूनियर डॉक्टर : रिटायरमेंट व परीक्षा को लेकर बढ़ा आक्रोश
पटना : डॉक्टरों के रिटायरमेंट व नियुक्ति में इंटरव्यू नहीं लिखित परीक्षा को लेकर जूनियर डॉक्टरों में आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं. गुरुवार को बीपीएससी ऑफिस के बाद प्रदर्शन व उसके बाद शुक्रवार को पीएमसीएच परिसर में दोनों मुद्दों को लेकर हुई बैठक से सीनियर डॉक्टर व अनुबंध डॉक्टरों की परेशानी बढ़ गयी है.
बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि इन दोनों मुद्दों को लेकर सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर बैठक करें और एक साथ सोमवार को मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपे.
लेकिन, इसके पहले शनिवार को पीएमसीएच से कारगिल चौक तक कैंडल मार्च निकाला जायेगा. अगर इसके बाद भी सरकार जूनियर डॉक्टरों की मांग को नहीं मानेगी, तो मेडिकल कॉलेजों में सामूहिक आंदोलन होगा और इसका असर अस्पताल पर पड़ेगा. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के मुताबिक 17 साल बाद बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा डॉक्टरों की नियमित नियुक्ति के लिए साक्षात्कार में युवा डॉक्टरों को शामिल नहीं किया जा रहा है. इसके लिए बिहार स्वास्थ्य सेवा नियमावली 2013 युवा डॉक्टरों का विरोधी हैं. क्योंकि इसके तहत बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से उत्तीर्ण छात्र कभी भी बिहार के स्वास्थ्य सेवा में नहीं आ पायेंगे.
यह है कारण
युवा डॉक्टरों के पास सरकारी अस्पतालों में कार्य का अनुभव नहीं हैं. इस कारण से वह 25 मार्क्स से वंचित रह जायेंगे.
युवा डॉक्टरों के पास स्नातकोत्तर अथवा उच्च डिग्री नहीं है. इस कारण से वे 10 मार्क्स से वंचित रह जायेंगे.
एमबीबीएस में प्राप्तांक के लिए निर्धारित 50 मार्क्स अंकों में प्राइवेट कॉलेजों से पढ़े छात्रों को अधिक अंक प्राप्त होंगे और सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के पास अधिक योग्यता होने के बावजूद भी पीछे छूट जायेंगे.
मौखिक साक्षात्कार के लिए 15 मार्क्स निर्धारित हैं. इसमें भी ऊंची पहुंच व पैरवीवाले छात्र (अधिकांशत : प्राइवेट कॉलेजों के छात्र) ही अधिक मार्क्स अजिर्त करेंगे.
रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ने से नये डॉक्टरों को सरकारी अस्पतालों में नौकरी करने का मौका नहीं मिलेगा. इस कारण से सरकार अगर डॉक्टरों की उम्र बढ़ायेगी, तो हम इसका विरोध करेंगे. डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए प्रतियोगिता परीक्षा हो.
डॉ राकेश कुमार, जेडीए अध्यक्ष, पीएमसीएच
रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने पर हमारा कोई विरोध नहीं हैं. इस बार डॉक्टरों की नियुक्ति इंटरव्यू के माध्यम से हो जाये. अगली बार से सरकार लिखित परीक्षा लें.
डॉ अभिषेक कु सिन्हा, अध्यक्ष, कांट्रेक्ट डॉक्टर एसो.
बिहार में जितने डॉक्टरों की जरूरत है और जितने उपलब्ध हो रहे हैं उससे बिहार स्वास्थ्य सेवा के सभी पदों को भरा नहीं जा सकता हैं. नये डॉक्टर तुरंत उच्च स्तर के पदों का कार्य नहीं कर सकते हैं. सरकार अगर उम्र बढ़ाती भी है, तो नये डॉक्टरों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
डॉ अजय कुमार, महासचिव, भासा
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