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वेतन और सुविधाओं से खुश नहीं, तो कर्मचारी दे दें इस्तीफा

पटना: पटना विश्वविद्यालय प्रशासन हड़ताली कर्मचारियों के आगे झुकने को तैयार नहीं दिख रहा है. विवि के वीसी प्रो वाइसी सिम्हाद्री ने एक बार फिर कर्मचारियों को चेतावनी दी है और पत्र जारी किया है. इसमें कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में धरना-प्रदर्शन पर रोक है और कोई इस नियम को तोड़ता है, तो उन […]

पटना: पटना विश्वविद्यालय प्रशासन हड़ताली कर्मचारियों के आगे झुकने को तैयार नहीं दिख रहा है. विवि के वीसी प्रो वाइसी सिम्हाद्री ने एक बार फिर कर्मचारियों को चेतावनी दी है और पत्र जारी किया है. इसमें कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में धरना-प्रदर्शन पर रोक है और कोई इस नियम को तोड़ता है, तो उन पर शैक्षणिक व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में क्रिमिनल केस किया जायेगा.

साथ ही सर्विस ब्रेक करने और वेतन काटने की भी बात कही गयी है. पत्र के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी अपने वेतन और सुविधाओं से खुश नहीं है, तो वह इस्तीफा देने के लिए स्वतंत्र है. कोई छात्र या स्टाफ हड़ताल में शामिल पाया गया, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी. सारे विभागाध्यक्षों और प्राचार्यो को कहा गया है कि कर्मचारियों को वापस काम पर आने के लिए समझायें.

वहीं, कर्मचारी भी झुकने को तैयार नहीं दिख रहे हैं. उनका कहना है कि अगर इसी तरह से फरमान जारी होता रहा, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. गौरतलब है कि तीन कर्मचारियों को कुलपति ने निलंबित कर दिया गया है और कई कतार में हैं. इधर जानकारी के अनुसारविवि कर्मचारियों पर ‘नो वर्क नो पे’ लागू करने का विचार कर रही है. इसकी बस अधिसूचना जारी होना बाकी है.
रघुराम शर्मा को दिया गया शो कॉज
यूनिवर्सिटी ने कर्मचारियों की ओर से एक मात्र सीनेट सदस्य रघुराम शर्मा को अनशन करने की वजह से शो कॉज दिया है. यूनिवर्सिटी ने रघुराम शर्मा से कहा है कि जब विवि में धरना प्रदर्शन पर रोक थी, तो उन्होंने कैसे अनशन किया और क्यों न इसके लिए उनकी सेवा समाप्त कर दी जाये. उन्हें तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है.
आधे दिन के बाद कामकाज किया ठप
एक तरफ जहां पीयू कर्मचारी संघ का पहले से आंदोलन चल रहा था, अब कॉलेज कर्मचारी संघ ने भी आधे दिन के बाद कामकाज ठप कर दिया है. यानी अब ढाई बजे के बाद विवि मुख्यालय से लेकर कॉलेजों में भी कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. पीयू कॉलेज कर्मचारी संघ के महासचिव रामशंकर मेहता ने कहा कि तीन दिन के भीतर अगर कर्मचारियों की मांगों को नहीं मानी गयी, तो 23 मार्च को कर्मचारी कार्यकारिणी की बैठक बुलायेंगे और रणनीति तय करेंगे. इसके बाद भी अगर मांग नहीं मानी गयी, तो फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे.
2010 में दिया हुआ वेतन भी काटा जायेगा
पीयू प्रशासन ने फरवरी, 2010 में पटना विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ संयुक्त मोरचा द्वारा किये गये आंदोलन के समय का 14 कर्मचारी नेताओं के वेतन काटने का निर्देश पूर्व कुलपति प्रो श्यामलाल ने दिया था. इसे बाद में पूर्व कुलपति प्रो अरुण कुमार सिन्हा ने खारिज कर दिया था. अब वर्तमान कुलपति प्रो वाइसी सिम्हाद्री ने पूर्व कुलपति प्रो अरुण कुमार सिन्हा के आदेश को गलत करार देते हुए उसे रद्द कर दिया है और सभी 14 कर्मचारियों का उस समय के वेतन के बदले मार्च 2015 का वेतन काटने का निर्देश दिया है. इसमें विवि कर्मचारी संघ के विनोद मिश्र, नवल किशोर सिन्हा, मुकुल कुमार, मो फरमान, दिलीप कुमार, वशी आलम और कॉलेज कर्मचारी संघ के मिथिलेश कुमार सिंह, रामशंकर मेहता, ए मन्नान, मो कैसर, त्रिलोकी नाथ मेहता शामिल हैं.

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