इस पर समन्वय समिति ने दो दिनों के लिए हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया है. अब सोमवार को बैठक होगी और उसके बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी.
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आज से काम पर लौटेंगे हाइकोर्ट के वकील, दो दिनों के लिए टली हड़ताल
पटना: पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एल. नरसिम्हा रेड्डी के आश्वासन के बाद वकीलों ने अपनी हड़ताल दो दिनों के लिए स्थगित कर दी है. गुरुवार से अधिवक्ता काम पर लौटेंगे और बहस समेत न्यायिक काम करेंगे. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्र की पहल पर समन्वय समिति का एक शिष्टमंडल बुधवार […]
पटना: पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एल. नरसिम्हा रेड्डी के आश्वासन के बाद वकीलों ने अपनी हड़ताल दो दिनों के लिए स्थगित कर दी है. गुरुवार से अधिवक्ता काम पर लौटेंगे और बहस समेत न्यायिक काम करेंगे. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्र की पहल पर समन्वय समिति का एक शिष्टमंडल बुधवार को मुख्य न्यायाधीश से मिला. उन्होंने शिष्टमंडल से कहा कि वे दो दिन का उन्हें समय दे ताकि वो नये एक्ट को रिवाल्ट कर सकें.
इससे पहले पटना हाइकोर्ट में वकीलों का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रहा. लगातार दूसरे दिन जज कोर्ट में तो बैठे, लेकिन ना तो सुनवाई हुई और ना ही न्यायिक कार्रवाई हुई. पटना हाइकोर्ट की समन्वय समिति के आह्वान पर वकीलों की इस हड़ताल को बिहार स्टेट बार काउंसिल ने भी परमिशन दे दी.
स्टेट बार काउंसिल के अखौरी मंगला चरण श्रीवास्तव ने कहा कि हाइकोर्ट में एक दिन से ज्यादा स्ट्राइक होने पर स्टेट बार काउंसिल से अनुमति लेनी आवश्यक हो जाती है. इसलिए बुधवार को एक बैठक में इसकी अनुमति दी गयी. उन्होंने कहा कि वकीलों की मांगें जायज है. उन्हें घुटने टेकने के लिए बाध्य नहीं होना चाहिए. वकीलों को कंपरमाइज के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. वकीलों के साथ नाइंसाफी हो रही है और ना तो कोई न्यायाधीश पहल कर रहे हैं और ना ही हाइकोर्ट प्रशासन. अगर बात नहीं की जाती है और कोई समाधान नहीं निकलता है तो राज्य भर के करीब एक लाख वकील न्यायिक काम का बहिष्कार करेंगे.
लॉयर्स एसोसिएशन के सदस्य डी. के. टंडन ने कहा कि वकीलों की मांगे जायज है. उनकी फजीहत हो रही है. उन्हें मजबूर किया जा रहा है. इसका खतरनाक असर हो सकता है. वकीलों ने कहा कि वकीलों ने एकता का परिचय दिया है और वे प्लान ऑफ एक्शन बना रहे हैं. उनमें चट्टानी एकता कायम है. लॉयर्स एसोसिएशन की बैठक में अध्यक्ष बिंध्यके सरी कुमार, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अभय कुमार सिंह, जय प्रकाश, प्रेम कुमार झा, बिहार स्टेट बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष सूरज नारायण प्रसाद सिन्हा, सदस्य योगेश चंद्र वर्मा, राजेश्वर प्रसाद सिन्हा समेत अन्य मौजूद थे.
होती रही नारेबाजी
बुधवार को हाइकोर्ट परिसर में वकीलों का जत्था घूम-घूम कर हड़ताल को जायज ठहरा रहा था. वहीं वे लोग हाइकोर्ट प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. एडवोकेट एसोसिएशन, पटना हाइकोर्ट के ज्वाइंट सेक्रेटरी शत्रुघ्न पांडेय ने कहा कि हड़ताल को स्टेट बार काउंसिल ने अपना समर्थन दिया है. वहीं वकील शुभ नारायण सिंह ने कहा कि हाइकोर्ट में केस दायर करने के लिए बना नया नियम अधिवक्ता विरोधी है. जब तक फैसला नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन चलता रहेगा. शैलेश कुमार सिंह का कहना है कि हाइकोर्ट में केस दायर करने का नया तरीका कहीं से ठीक नहीं है. दीपक कुमार ने कहा कि नये नियम से अधिवक्ताओं को फाइलिंग करने में परेशानी हो रही है. एसके भटनागर कहते हैं कि फाइलिंग सिस्टम से कहीं से ठीक नहीं है.
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