पटना: बिहार में सीएम की कुरसी के लिए नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी के बीच चल रही खींचतान का ‘हाइवोल्टेज ड्रामा’ सोमवार को राजभवन के पास दिखा. राज्यपाल के पटना पहुंचने के साथ ही नीतीश खेमे के सभी विधायक अपनी ताकत दिखाने के लिए एकजुट हो गये. इनमें जदयू, राजद, कांग्रेस व निर्दलीय समेत अन्य दलों के विधायक शामिल थे. इस खेमे ने 130-131 का पुरजोर दावा राज्यपाल के समक्ष पेश किया.
यह संख्या बहुमत के जादुई आंकड़े 117 से कहीं ज्यादा है. समर्थन देनेवाले सभी विधायक आत्मविश्वास से कह रहे थे कि अगर राजभवन के पास राजेंद्र चौक पर जमा होने से बात नहीं बनी, तो नीतीश कुमार को सीएम बनवाने के लिए नयी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सामने भी जाकर धरना देने को तैयार हैं.
पैदल मार्च करते आये विधायक
सुबह से ही पूर्व सीएम नीतीश कुमार के आवास 7 सकरुलर रोड पर लोगों का हुजूम जमा था. हर कोई बहुमत का आंकड़ा जुटाने का दावा अपनी-अपनी तरीके से कर रहा था. दोपहर करीब 12.40 बजे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पटना पहुंचने के बाद वे विधायकों को साथ लेकर राजभवन की तरफ चल पड़े. दूसरी तरफ से नीतीश कुमार भी अपने आवास से विधायकों के साथ राजभवन की तरफ चल पड़े. अन्य दलों के विधायक भी इसी हुजूम में साथ हो लिये. रास्ते में सभी विधायक साथ मिल गये. 1.30 के आसपास सभी दलों के विधायक राजभवन के सामने मौजूद राजेंद्र चौक पर जमा हो गये. इसी भीड़ के साथ अलग-अलग गाड़ी पर सवार होकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद राज्यपाल से मिलने पहुंचे.
होती रही नारेबाजी-बयानबाजी
राजेंद्र चौक पर आज पैर रखने तक की जगह नहीं थी. नेता जुटे और नारेबाजी, बयानबाजी, राजनीतिक विश्लेषण, दोषारोपण और राजनीतिक घटनाक्रम की बात न हो. यह हो नहीं सकता था. दर्जनों की संख्या में पहुंचे महिला विधायक और कार्यकर्ता नारे लगाने में पीछे नहीं रहे. राजद के रामचंद्र पूव्रे ने कहा कि पार्टी के 24 में 22 विधायक यहां हैं.
दो विधायक राज्य से बाहर रहने के कारण नहीं आये,लेकिन वे भी हमारे साथ हैं. विधायक जीतेंद्र राय व भाई दिनेश समेत अन्य ने कहा कि कहते थे राजद के सात-आठ विधायक मांझी खेमे की तरफ हैं, लेकिन देखिए राघवेन्द्र प्रताप सिंह व अजय बुलगानिन समेत अन्य भी आज हमारे साथ यहां हैं. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि किस संवैधानिक व्यवस्था के तहत जीतन राम मांझी सीएम बने हुए हैं. विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि हमारी पूरी ताकत आज चौराहे पर है. अब ऐसे में अगर कोई बहुमत पर सवाल उठाता है, तो यह सवाल ‘हाइपोथेटिकल’ ही है. पूर्व मंत्री ललन सिंह ने कहा कि बिहार की घटना देश में यूनिक है. बहुमत खोने के बाद भी एक व्यक्ति सीएम बना हुआ है.पिछले चार-पांच महीने से उनकी गतिविधि पार्टी विरोधी थी और वह भाजपा के हाथ की कठपुतली बने हुए थे. उन्होंने नीतीश कुमार के नौ साल के बनाये सुशासन को बरबाद कर दिया. भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया है. यहां से बात नहीं बनी,तो दिल्ली भी जायेंगे.