सवाल- कैबिनेट की बैठक में सात मंत्रियों ने सीएम के प्रस्ताव का समर्थन किया, 21 ने विरोध किया. 21 मंत्रियों ने राज्यपाल से सीएम की सलाह नहीं मानने की गुहार की है. ऐसी स्थिति में कैबिनेट का निर्णय आधिकारिक होगा या नहीं?जवाब – यह कोई संवैधानिक बात नहीं है. किसी को भी बहुमत साबित करने का प्लेटफॉर्म है विधानसभा का फ्लोर. सवाल- सत्ताधारी दल ने नया नेता चुन लिया है. अब मांझी की स्थिति क्या मानी जानी चाहिए?जवाब – यह भी पार्टी का इंटरनल मामला है. पार्टी के अंदर क्या हो रहा है, इससे राज्यपाल को कोई मतलब नहीं है. सवाल- शरद यादव को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार है या नहीं?जवाब- शरद को क्या अधिकार है, क्या अधिकार नहीं है, यह तो उनके पार्टी का ही मामला है. इससे भी राज्यपाल को कोई मतलब नहीं है.सवाल- मांझी के निर्णयों को अब राज्यपाल मानने को बाध्य हैं या नहीं?जवाब- मुख्यमंत्री की बात राज्यपाल तब मानेंगे, जब उनके पास बहुमत है. अब बहुमत किसके पास है या नहीं है, यह भी तो विधानसभा के अंदर ही तय होगा.सवाल- प्रदेश में सरकार को लेकर राज्यपाल के पास क्या विकल्प हैं? जवाब- राज्यपाल विधानसभा में बहुमत के आधार पर ही तय करेंगे.
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पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार से सवाल-जवाब-सं
सवाल- कैबिनेट की बैठक में सात मंत्रियों ने सीएम के प्रस्ताव का समर्थन किया, 21 ने विरोध किया. 21 मंत्रियों ने राज्यपाल से सीएम की सलाह नहीं मानने की गुहार की है. ऐसी स्थिति में कैबिनेट का निर्णय आधिकारिक होगा या नहीं?जवाब – यह कोई संवैधानिक बात नहीं है. किसी को भी बहुमत साबित करने […]
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