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तीन बिल्डिंगों के अवैध हिस्से तोड़ने का आदेश
पटना: शहर की तीन बिल्डिंगों के अवैध हिस्से टूटेंगे. नगर निगम के निगरानी कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया. सभी मामलों में प्रतिवादी को कहा गया कि वे हर हाल में अवैध हिस्से को 30 दिनों के अंदर हटा लें, नहीं तो निगम हटायेगा और इसका खर्च भी उन्हीं से वसूल किया जायेगा. वहीं नगर […]
पटना: शहर की तीन बिल्डिंगों के अवैध हिस्से टूटेंगे. नगर निगम के निगरानी कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया. सभी मामलों में प्रतिवादी को कहा गया कि वे हर हाल में अवैध हिस्से को 30 दिनों के अंदर हटा लें, नहीं तो निगम हटायेगा और इसका खर्च भी उन्हीं से वसूल किया जायेगा. वहीं नगर निगम बनाम नरेंद्र प्रताप सिंह के निगरानी केस 96 ए/2013 में फैसला सुनाते हुए कहा गया कि सहदेव महतो मार्ग श्रीकृष्णा पुरी में निर्माण कार्य की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि प्रतिवादी ने विचलन कर बी प्लस जी प्लस थ्री भवन बनाया है. उसका लीज रद्द कर दिया गया.
केस-1
निगरानी वाद 130 ए/ 2013 में नगर निगम बनाम भूस्वामी नीरज, मनोज, अनूप व बिल्डर तरुण कुमार मामले में पुष्पांजलि, पेट्रोल पंप के सामनेवाली गली बोरिंग रोड की जमीन पर निर्माण की जांच करायी गयी. इसमें पथ की चौड़ाई, भवन की ऊंचाई आदि नक्शे के विपरीत किया गया था. जांच के बाद बी प्लस जी प्लस फोर तल्ले में किये गये निर्माण में ऊपरी तल्ले की ओर से अवैध घोषित किया गया. इसे एक माह के भीतर हटा लेने के लिए कहा गया.
केस-2
निगरानी वाद 80 बी/1989 में धर्मदेव प्रसाद बनाम रेणुका शर्मा मामले में सहदेव महतो मार्ग श्रीकृष्णापुरी स्थित भवन के जांच में पता चला कि बिना नक्शा स्वीकृति के रेणुका शर्मा ने भवन निर्माण किया. जी प्लस टू भवन और सेट बैकों में निर्मित अस्थायी/स्थायी संरचना को अवैध घोषित करते हुए एक महीने के अंदर हटाने के लिए कहा गया. इसमें प्रतिवादी को इस प्रकार का नक्शा पारित करने के लिए कहा गया जो नियमों के अनुरूप हो.
केस तीन
निगरानी वाद सं 94 बी/2004 में रेणुका शर्मा बनाम धर्मदेव प्रसाद मामले में जी प्लस टू भवन का निर्माण बिना स्वीकृत नक्शे के कराने का आरोप था. इसकी जांच में पता चला कि धर्मदेव प्रसाद बिना सेट बैक छोड़े हुए ही स्थल पर जी प्लस टू का निर्माण कर रहे हैं, जो नियमों के विरुद्ध है. जब कोर्ट ने धर्मदेव प्रसाद को कई बार नोटिस भेजा, लेकिन वे हर बार कोर्ट में हाजिर नहीं हो सके. हां उन्होंने अपने वकील को भेजा. इस कारण जेइ की रिपोर्ट पर उनके सहदेव महतो मार्ग स्थित भवन को अवैध घोषित कर दिया गया. इसके साथ ही 30 दिनों के अंदर उसे हटाने का आदेश जारी किया गया.
शर्तो का उल्लंघन लीज रद्द
नगर निगम बनाम नरेंद्र प्रताप सिंह के निगरानी केस 96 ए/2013 में फैसला सुनाते हुए कहा गया कि सहदेव महतो मार्ग श्रीकृष्णापुरी में निर्माण कार्य की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि विचलन कर बी प्लस जी प्लस थ्री भवन निर्माणाधीन है. जांच में पीआरडीए/ पीआइटी के आवासीय उपयोग के आवंटित भू खंड पर साजिश के तहत बिना पूर्वानुमति के तथा नक्शे पर भी बिना सहमति के बिल्डर के साथ मिली भगत कर आवासीय भवन में लीज डीड के शर्तो का उल्लंघन किया गया. इसके कारण लीज रद्द कर दिया गया. साथ ही प्रतिवादी को जमा किये गये अब तक के कुल किस्तों पर छह प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज का भुगतान किया जायेगा. उस भवन और परिसर का उपयोग पीआरडीए द्वारा किया जायेगा.
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