पटना: खाजेकलां में छह जुलाई को आरएमपी चिकित्सक अनिल कुमार की हत्या का कारण अवैध संबंध और क्लिनिक का वर्चस्व था. हत्या के लिए पूर्व परिचित डॉ जय ने मणी को डेढ़ लाख की सुपारी दी थी. इसमें डॉ जय का कंपाउंडर गुड्ड भी शामिल था. यह खुलासा मणी ने किया है. पुलिस ने इसे रिमांड पर लिया था. पुलिस दबिश के बाद इसने 11 जुलाई को पटना सिटी कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और यह बेऊर जेल में बंद है. रिमांड पर पूछताछ में इसने बताया कि अवैध संबंध और क्लिनिक के वर्चस्व को लेकर हत्या करने के एवज में डेढ़ लाख की सुपारी डॉ जय ने दी थी.
कंपाउंडर से बना चिकित्सक
आरएमपी चिकित्सक अनिल कुमार दस साल से डॉ जय के नून के चौराहा स्थित क्लिनिक में कंपाउंडर का काम करता था. इसके कारण इसे चिकित्सा संबंधी काफी जानकारी हो चुकी थी. इस दौरान अनिल का अवैध संबंध डॉ जय के परिवार के साथ हो गया. इस बात की जानकारी होने के बाद डॉ जय ने उसे काम से निकाल दिया. इसने आरएमपी चिकित्सक का सर्टिफिकेट हासिल कर लिया और डॉ जय के क्लिनिक के बगल में ही अपना क्लिनिक खोल दिया. अनिल का क्लिनिक चलने लगा और डॉ जय की प्रैक्टिस कमने लगी. इस बात से भी डॉ जय अंदर से काफी खफा हो गया और उसने अनिल की हत्या करवाने की ठान ली. उसने मणि को हत्या की सुपारी दी.
आरोपित ने कहा- पीठ दर्द है
मणि समेत तीन युवक अनिल कुमार के क्लिनिक में छह की सुबह में पीठ में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचे और गोली मार दी. घटना को अंजाम देने के बाद तीनों फरार हो गये. अनिल का इलाज के क्रम में मौत हो गयी.