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पशु चिकित्सकों की होगी स्थायी नियुक्ति

पटना: राज्य में पशु चिकित्सकों की नियमित नियुक्ति होगी. संविदा पर काम कर रहे पशु चिकित्सकों को इसमें प्राथमिकता दी जायेगी. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पशु व मत्स्य संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान इसका निर्देश दिया. उन्होंने वेटनरी यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए जल्द विधेयक तैयार कर स्थल चयन करने और […]

पटना: राज्य में पशु चिकित्सकों की नियमित नियुक्ति होगी. संविदा पर काम कर रहे पशु चिकित्सकों को इसमें प्राथमिकता दी जायेगी. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पशु व मत्स्य संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान इसका निर्देश दिया. उन्होंने वेटनरी यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए जल्द विधेयक तैयार कर स्थल चयन करने और प्रखंडस्तरीय मत्स्य पदाधिकारी का पद सृजित करने का भी निर्देश दिया. विभाग के सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बताया कि कॉम्फेड का सुधा ब्रांड का 32 प्रतिशत बाजार पर कब्जा हो चुका है. मुख्यमंत्री का निर्देश है कि अर्धशहरी क्षेत्रों व बड़े गांवों में बिक्री बढ़ाने के लिए छोटे-छोटे पैकेटों में सुधा उत्पाद को छोटी दुकानों में भी उपलब्ध कराया जाये.

उन्होंने दुग्ध सहकारी समितियों को अधिक-से-अधिक निबंधित करने और क्रियाशील करने का निर्देश दिया. जीविका के सहयोग से महिला दुग्ध समितियों के गठन पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि श्रवणी मेले में कांवरिया पथ पर सुधा के उत्पादों के स्टॉल समुचित संख्या में लगाये जाये. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि समग्र गव्य विकास योजना के लिए बैंकों साथ विशेष समीक्षा करें. लोगों को योजना का पर्याप्त लाभ दिलाने के लिए जरूरत हो, तो गाइडलाइन में भी बदलाव किया जाये. गोशाला के विकास के लिए गौशालावार विस्तृत परियोजना तैयार करने का भी निर्देश दिया. मुंगेर में डेयरी की संभावना को तलाशने और डेयरी प्रोजेक्ट को सृजित करने को कहा गया. नयी उन्नत पैकिंग का उपयोग किया जाये, ताकि दुग्ध उत्पाद बिना बिजली के ही ग्रामीण क्षेत्रों में खराब हुए बिना अधिक दिनों तक प्रयोग हो सके.

मछलीपालन के लिए विकसित हो चौर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि उत्तर बिहार में मत्स्य महाविद्यालय की स्थापना के लिए स्थल का चयन किया जाये. यह महाविद्यालय वेटनरी यूनिवर्सिटी से संबद्ध होगा. मछली उत्पादन की संभावनावाले क्षेत्रों के लिए योजनाओं को पुनर्गठित करने और प्रखंडस्तरीय मत्स्य पदाधिकारी के पद का सृजन किया जाये. पांच लाख हेक्टेयर जलजमाव वाले चौर क्षेत्र को मछलीपालन के लिए विकसित किया जाये. इन क्षेत्रों को इस प्रकार विकसित किया जाये कि मछली के साथ मुरगीपालन, पौधारोपण व बागबानी के साथ हो. सीएम ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में पशु व मत्स्य संसाधन विभाग के खर्च को बढ़ाने के लिए विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा व कृषि उत्पादन आयुक्त एके चौहान को निर्देश दिया.

बैठक में कृषि सलाहकार डॉ मंगला राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, सचिव अतीश चंद्रा, कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक हरजोत कौर व पशुपालन निदेशक राजेश कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद थे.

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