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बिहार में बगैर प्रोन्नति के रिटायर्ड हो गये 250 कर्मी और पदाधिकारी, जानिये कब से लगी है प्रोन्नति की प्रक्रिया पर रोक

राज्य में सभी स्तर के कर्मियों और पदाधिकारियों को प्रोन्नति देने पर फिलहाल सरकार ने रोक लगा रखी है. इस वजह से बिना प्रोन्नति पाये पिछले दो साल में करीब 250 कर्मी और पदाधिकारी रिटायर्ड हो गये हैं.

पटना. राज्य में सभी स्तर के कर्मियों और पदाधिकारियों को प्रोन्नति देने पर फिलहाल सरकार ने रोक लगा रखी है. इस वजह से बिना प्रोन्नति पाये पिछले दो साल में करीब 250 कर्मी और पदाधिकारी रिटायर्ड हो गये हैं.

इसमें बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के करीब 100 पदाधिकारी शामिल हैं, जबकि शेष 150 कर्मी बिहार सचिवालय सेवा, बिहार आशुलिपिक सेवा से लेकर अन्य सभी सेवाओं के कर्मी शामिल हैं.

इतनी बड़ी संख्या में दो साल में सभी स्तर के कर्मियों के बिना प्रोन्नति पाये ही सेवानिवृत्त होने की मुख्य वजह राज्य में 2019 से ही प्रोन्नति की प्रक्रिया पर रोक लगना है. हालांकि, इस मामले को लेकर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रही है, परंतु इस मामले में कोर्ट की तरफ से किसी तरह की रोक नहीं लगायी गयी है.

कोर्ट ने राज्य सरकार को अपने स्तर पर निर्णय लेकर प्रोन्नति देने की छूट दे रखी है. सिर्फ एससी-एससटी की प्रोन्नति को लेकर ही मामला अटका हुआ है, परंतु राज्य सरकार ने सभी तरह की प्रोन्नति पर सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर अंतिम फैसला आने तक रोक लगा रखी है.

इस वजह से राज्य सरकार के सभी स्तर के कर्मियों को काफी नुकसान हो रहा है. इस समस्या को लेकर राज्य के सभी कर्मचारी संघों ने मिलकर एक महासंघ भी बना रखा है. इस महासंघ ने हाल में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य सभी अधिकारियों से प्रोन्नति की समस्या को लेकर मुलाकात भी की थी.

बड़ी संख्या में प्रोमोशन से भरे जाने वाले पद खाली पड़े हुए हैं

प्रोन्नति नहीं मिलने से बड़ी संख्या में प्रोमोशन के माध्यम से भरे जाने वाले पद खाली पड़े हुए हैं. बिप्रसे रैंक में प्रोन्नति से भरे जाने वाले विशेष सचिव के 23, अवर सचिव 22, संयुक्त सचिव के 143, एडीएम रैंक के 150 और उपसचिव रैंक के 81 पद खाली पड़े हुए हैं.

इसी तरह बिहार सचिवालय सेवा संघ के भी निदेशक (संयुक्त सचिव) रैंक में 15, उपसचिव रैंक में 100, अवर सचिव स्तर में 293 और प्रशाखा पदाधिकारी रैंक में करीब 600 पद खाली पड़े हुए हैं. ऐसी ही स्थिति बिहार शिक्षा सेवा, बिहार स्वास्थ्य सेवा, बिहार वित्त सेवा समेत अन्य की भी है. इन सेवाओं में भी प्रोन्नति से भरे जाने वाले पद बड़ी संख्या में खाली हैं.

इस मामले में बिहार राज्य संयुक्त सेवा महासंघ के समन्वयक शशांक शेखर सिन्हा का कहना है कि राज्य सरकार से प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर लगातार मांग की जा रही है. प्रोन्नति नहीं मिलने से सभी स्तर के कर्मियों पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है. प्रोन्नति समय पर नहीं मिली तो लगातार आंदोलन जारी रहेगा.

Posted by Ashish Jha

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