संवाददाता,पटनापूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम से स्पष्ट है कि भाजपा अब ढलान पर आ गयी है. पार्टी को लोकसभा चुनाव से भी कम वोट विधानसभा चुनाव में मिला है. यह हाल भाजपा का तब हुआ जब विपक्ष का गंठबंधन नहीं हो सका. विपक्षी दलों में यदि गंठबंधन होता,तो भाजपा का क्या हाल होता? चुनाव में भाजपा को अकेले बहुमत भी नहीं मिला और लोकसभा चुनाव की अपेक्षा 19 सीट पर बढ़त भी नहीं मिली. वह विधान परिषद स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड में लोकसभा चुनाव में भाजपा को 56 विधानसभा सीट पर बढ़त मिली थी. विधानसभा चुनाव में तो सिर्फ 37 सीट पर ही बढ़त मिली. नीतीश कुमार ने कहा कि जिस तरह से झारखंड में विपक्ष का बिखराव था. ऐसे में उन्हें कम से कम 60 सीट मिलनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में तो उनका मिशन 44 धरा का धरा रह गया. झारखंड में विपक्ष की हार के कारणों पर उन्होंने कहा कि गंठबंधन नहीं होना मूल कारण था. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि झारखंड भाजपा का गढ़ रहा है. बिहार में तो उनका असर एनडीए के कारण हुआ. बिहार कभी उनका गढ़ नहीं रहा है. 1977 में झारखंड इलाके की अधिकतम सीट भाजपा को मिली थी.
ढलान पर भाजपा, झारखंड में मिला कम वोट : नीतीश
संवाददाता,पटनापूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम से स्पष्ट है कि भाजपा अब ढलान पर आ गयी है. पार्टी को लोकसभा चुनाव से भी कम वोट विधानसभा चुनाव में मिला है. यह हाल भाजपा का तब हुआ जब विपक्ष का गंठबंधन नहीं हो सका. विपक्षी दलों में यदि गंठबंधन […]
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