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पत्नी की पीड़ा देख रो पड़ा जालिम, बोला-मौत दे दो इसे

पटना: जो जीने की वजह थी, जिसे पाने के लिए खुदा से दुआ की, घर-समाज से बगावत की, उसके लिए अब वह मौत मांग रहा है. पत्नी को बीमारी ने घेर लिया. हैसियत के मुताबिक इलाज में पाई-पाई लगा दी. कर्ज भी लिया. लेकिन, मर्ज घटने के बजाय बढ़ता गया. अब वह टूट चुका है. […]

पटना: जो जीने की वजह थी, जिसे पाने के लिए खुदा से दुआ की, घर-समाज से बगावत की, उसके लिए अब वह मौत मांग रहा है. पत्नी को बीमारी ने घेर लिया. हैसियत के मुताबिक इलाज में पाई-पाई लगा दी. कर्ज भी लिया. लेकिन, मर्ज घटने के बजाय बढ़ता गया. अब वह टूट चुका है.

तीन साल से बेड पर तड़प रही पत्नी की पीड़ा उससे देखी नहीं जा रही. वह बेबस है. इस हद तक टूट चुका है कि उसने राष्ट्रपति को पत्र लिखा और पत्नी की इच्छा मृत्यु मांग ली. बुद्धा कॉलोनी थाने के श्रीकृष्णा नगर में चाय दुकान चलानेवाले जालिम शाह की पत्नी संगीता को स्किन प्रॉब्लम है. कान के नीचे छोटी-सी फूंसी से बीमारी की शुरुआत हुई थी. धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल गयी. अब एक साथ शरीर पर दाने निकलते हैं और पक जाते हैं. फिर उसमें से पस निकलता है. बेइंतहा दर्द का मंजर यह है कि संगीता इस दौर से गुजरती है, तो शरीर पर कपड़ा रखना भी मुश्किल हो जाता है. अब कमर के नीचे का हिस्सा ज्यादा पीड़ा दे रहा है.

वह बिस्तर पर तड़पती है और सारे जतन कर चुका जालिम कुछ नहीं कर पाता. पटना के पीएमसीएच, एम्स और चंडीगढ़ तक इलाज में पैसे फूंक चुका जालिम अब हालात से हार चुका है. इलाज में सात लाख से ज्यादा खर्च हो चुके हैं. हाथ में जो रुपये थे, वे खर्च हो चुके हैं, सिर पर कर्ज भी हो गया है. लेकिन, बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही. बेबस जालिम पत्नी का दर्द देख कर अब सिर्फ रोता है. दर्द से मुक्ति दिलाने के लिए जालिम को सिर्फ एक रास्ता दिखता है, वह है पत्नी की मौत. उसने दिल पर पत्थर रख लिया. इस तरह जीने से अच्छा उसे मौत दिलाना चाहता है. उसने अगस्त में राष्ट्रपति को पत्र लिखा डाला और इच्छा मृत्यु मांग ली है.

ऐसे हुई थी जिंदगी की शुरुआत

सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर के मुनडीहा के रहनेवाले जालिम शाह 1989 में नौकरी की तलाश में असम गये थे. वहां छोटी-सी नौकरी करते थे. इस बीच पड़ोस में रहनेवाली संगीता से मुहब्बत हो गयी. दोनों ने शादी का फैसला किया, तो घर, समाज और जाति का बंधन आड़े आने लगा. परिवार ने घर से अलग करने की बात कह दी.

लेकिन, दोनों पीछे नहीं हटे. शादी हुई और जब दोनों वहां से सीतामढ़ी पहुंचे, तो उन्हें घर में पनाह और शादी की स्वीकार्यता नहीं मिली. जालिम ने तब हार नहीं मानी और पटना चला आया. तभी से चाय दुकान चला कर अपने छह बेटियों और एक बेटे को पाल रहा है. लेकिन, अब वह वक्त से हार गया है. बीमारी की मार ङोल रही पत्नी के लिए मौत मांग कर उसे मुक्त कराना चाहता है.

राष्ट्रपति भवन ने लिया संज्ञान

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस मामले पर गंभीरता दिखायी है. उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए पटना के सिविल सजर्न को इलाज में हर संभव मदद करने के लिए लिखा है. इसके अलावा पुलिस-प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. एसएसपी जितेंद्र राणा ने बुद्धा कॉलोनी थाने से इस मामले में तत्काल रिपोर्ट मांगी. इंस्पेक्टर ने इलाज में हुए खर्च का ब्योरा, दवा के पुरजा सहित अन्य दस्तावेज एसएसपी को भेज दिया है.

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