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राज्य में बनेगा मछुआरा आयोग : सीएम

* टोकन राशि पर होगी जलाशयों व तालाबों की बंदोबस्ती * मछलीपालन को दिया जायेगा बढ़ावा पटना : सूबे में मछुआरा आयोग का गठन होगा. मछलीपालन को बढ़ावा देने व मछुआरों के कल्याण के लिए सरकार को अनुशंसा करेगा. साथ ही मछुआरों से संबंधित योजनाओं की मॉनीटरिंग भी करेगा. यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने […]

* टोकन राशि पर होगी जलाशयों तालाबों की बंदोबस्ती

* मछलीपालन को दिया जायेगा बढ़ावा

पटना : सूबे में मछुआरा आयोग का गठन होगा. मछलीपालन को बढ़ावा देने मछुआरों के कल्याण के लिए सरकार को अनुशंसा करेगा. साथ ही मछुआरों से संबंधित योजनाओं की मॉनीटरिंग भी करेगा. यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मछुआरा दिवस पर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में की.

मुख्यमंत्री ने कहा, टोकन राशि लेकर ही मछुआरों को जलाशयों तालाबों की बंदोबस्ती की जायेगी. जलकर से सरकार को सालाना करीब 10 करोड़ का राजस्व मिलता है. इसमें तीनचार करोड़ बकाया रह जाता है. उन्होंने कहा कि मछलीपालन को भी कृषि का दर्जा मिलना चाहिए. राज्य सरकार सहमत है कि मछलीपालकों को भी सस्ती दर पर कृषि ऋण मिले.


सोलर
पंपसेट पर अधिक अनुदान : मुख्यमंत्री ने कहा, मछलीपालन को बढ़ावा देने के लिए समेकित मत्स्य विकास योजना के तहत पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है. हैचरी फिशफीड मिल के लिए भी 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है. नये तालाब बनाने के लिए अनुदान दिये जा रहे हैं. पंपसेट के लिए 50 प्रतिशत अनुदान है, जबकि सोलर पंपसेट लगाने के लिए और अधिक अनुदान देने का प्रावधान है.

मछली उत्पादन तकनीक को सीखने के लिए मछलीपालकों को दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है. कृषि रोड मैप में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए कार्यक्रम तय किये गये हैं. मछली उत्पादन बढ़ने से राज्य की विकास दर (जीएसडीपी) बढ़ेगी.

* जलजमाववाली जमीन में हो मछलीपालन : जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जल संसाधन विभाग की ओर से अब तक 1.8 लाख हेक्टेयर जमीन को जलजमाव मुक्त कराया गया है. ढाई लाख एकड़ जमीन ऐसे हैं, जहां जलनिकासी योजना में काफी खर्च के बाद भी अधिक सफलता नहीं मिल सकी है. इसका उपयोग मछलीपालन के लिए किया जा सकता है. कोसी, गंडक सोन आदि तालाबों के किनारे टैंक बना कर मछलीपालन किया जा सकता है. मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार डॉ मंगला राय ने कहा कि मछलीपालन में 15 प्रतिशत विकास दर है. इसे कमसेकम 25 प्रतिशत होना चाहिए.

पशु मत्स्य संसाधन सचिव संतोष कुमार मल्ल ने कहा कि मछली उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य चुनौती के रूप में लिया गया है. इसके लिए हर स्तर पर आवश्यक उपाय किये जायेंगे. विधायक वैद्यनाथ सहनी ने सीएम को मांग पत्र सौंपा. सांसद अनिल सहनी ने विचार रखे. धन्यवाद ज्ञापन मत्स्य निदेशक निशांत अहमद ने किया. मौके पर मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा, पशु निदेशक राजेश कुमार, सहायक मत्स्य निदेशक सुमन कुमार, डॉ संतोष दीक्षित, डॉ टुनटुन सिंह, बांका के डीएफओ आभास चंद्र मंडल आदि उपस्थित थे.


*
..ताकि वे चुभा सकें सूई

पटना : राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का नाम लिये बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं, राज्य में सूई का भी उद्योग नहीं लगा. औरंगाबाद में साइकिल कारखाना शुरू हो गया है. जल्द ही पटना के बिहटा में एक और कारखाना स्थापित होगा. सरकार प्रति वर्ष 14 लाख छात्रछात्राओं को साइकिल दे रही है. साइकिल कारखानावालों से कहेंगे कि कुछ लोगों को सूई भी बना कर दे दें, ताकि वे लोगों को चुभोने में इसका सही इस्तेमाल कर सकें.


* पांच
मछलीपालक सम्मानित

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मछलीपालन में विशेष सफलता हासिल करनेवाले सीतामढ़ी जिले के परिहार प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव के कृति नारायण सहनी, समस्तीपुर के कल्याणपुर प्रखंड के वासुदेवपुर गांव के सुधीर सहनी, नालंदा के एकंगरसराय प्रखंड के नकटी सराय के दिनेश प्रसाद बिंद, खगड़िया के गोगरी प्रखंड के पिपरपाती गांव के सुबोध सिंह अररिया के दियारी गांव के कलानंद सिंह को सम्मानित किया.

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