पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा ने धर्मातरण का मुद्दा नहीं उठाया है. भागलपुर में एससी के पांच लोगों का पैसे लेकर धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. इनमें तीन की घर वापसी हो गयी है. इस पर सरकार जवाब दे कि समाज का गरीब आदमी किस दबाव में धर्म परिवर्तन कर रहा है.
विधान परिषद् की कार्यवाही के बाद सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इस मुद्दे को भटका रही है. बिहार में लॉ एंड ऑर्डर,धान खरीद में अनियमितता व विकास का नहीं होना मुख्य मुद्दा है.बिहार सरकार इन मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है. इस पर हम भटकेंगे नहीं और मुद्दों को विधानमंडल में पुरजोर तरीके से उठायेंगे. सुशील मोदी ने कहा कि निगम आयुक्त कुलदीप नारायण पर हुई कार्रवाई पर बिल्डर लॉबी ने काम किया. इस प्रकरण में सरकार बेनकाब हो गयी है.
आइएएस एसोसिएशन व बासा को भी ईमानदार अधिकारियों के साथ रहना चाहिए, नहीं तो ईमानदार अधिकारियों को सरकार नीचा दिखाते ही रहेगी. दवा व उपकरण खरीद मामले में 100 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आ रही है. इसमें आरोपित अधिकारी प्रवीण किशोर को निलंबित नहीं किया जा रहा है, लेकिन सफाई नहीं करवाने वाले नगर निगम आयुक्त को निलंबित कर दिया गया. सुशील मोदी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, नीतीश कुमार व लालू प्रसाद से पूछना चाहते हैं कि ऐसा क्यों किया जा रहा है? दवा घोटाले मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए.
कानून से समझौता
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गया में एक तिलकुट व्यवसायी व पूर्व फौजी धीरेंद्र केसरी के मामले में स्पष्ट हो गया है कि नीतीश कुमार ने समझौता न केवल राजद बल्कि राज्य में कानून-व्यवस्था के साथ भी की है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने मांझी को केवल भाषण देने और घोषणा करने का काम सौंपा है.यही कारण है कि सीएम रोज नयी-नयी घोषणाएं कर रहे हैं.
नहीं थी व्यवसायी की गलती
मोदी ने कहा कि वह गया की घटना के बाद तिलकुट व्यवसायी धीरेंद्र केसरी से मिलने गया जेल गये थे. उन्होंने बताया कि तिलकुट देने में देरी होने पर सुरेंद्र यादव के एक अंगरक्षक ने दुकानदार व पूर्व फौजी को थप्पड़ मार दी. जब आसपास के दुकानदारों ने विरोध किया,तो अंगरक्षकों ने धीरेंद्र केसरी को लाठियों से पीटना शुरू कर दिया. अंगरक्षकों के साथ मौजूद भीड़ ने सुरेंद्र यादव पर भी हमला कर दिया.
केस हास्यास्पद
हमले में सुरेंद्र यादव गिर पड़े और वहां रखी एक कड़ाही के गरम तेल की कुछ बूंद उन पर पड़ गयी. इस मामले में दुकानदार ने सुरेंद्र यादव के तीन अंगरक्षक और ड्राइवर पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी. इसके विपरीत पुलिस ने दुकानदार को ही पकड़ कर जेल में बंद कर दिया है. जबकि अंगरक्षकों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए था. मोदी ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने जो केस दर्ज किया है, वह भी हास्यास्पद है.