पटना सिटी: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की अधिगृहीत भूमि पर बनाये गये मकानों को हटाने के लिए प्रशासन की ओर से लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी अभियान चलाया गया. पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में अधिगृहीत भूमि से कब्जा हटाने के लिए पहुंची प्रशासनिक अधिकारियों की टीम से लोगों की नोक-झोंक व तनातनी के बीच में बुलडोर व हथौड़े चलाये गये. हालांकि, इस दौरान आशियाना उजाड़ने के प्रशासनिक प्रयास को लेकर लोगों में गुस्सा व तनाव भी था.
अस्पताल व क्वार्टर मार्ग में चला अभियान : जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारियों का दल जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर , श्रमिक व पुलिस बल के साथ कब्जा हटाने के लिए लगभग 12 बजे पहुंचा. हालांकि, सुबह से ही लोगों में आशियाना उजड़ने को लेकर गहमागहमी कायम थी. भीतर उबल रहा गुस्सा व चेहरे पर तनाव दिख रहा था. लोग घरों के बाहर जमा थे कि क्या होगा. प्रशासनिक अधिकारियों ने आते ही अपना रुख कड़ा कर दिया था. करीब चार सौ पुलिसकर्मियों की टोली, रैपिड एक्शन फोर्स व ब्रज वाहन के साथ अधिकारियों ने चारों ओर से नाकेबंदी शुरू की.
इसके बाद नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल मार्ग में दवा दुकान के पास अभियान चलाया. इसके बाद टीम ने मंगलवार को ढाये गये आधे -अधूरे दुकानों को जमीनदोंज कर दिया. इसके बाद प्रशासन की टीम लगभग तीन बजे आइडीएच कॉलोनी में अभियान चलाने पहुंची. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थित आधा दर्जन से अधिक दवा दुकानदारों व जांच केंद्रों के संचालकों को अभियान चलाने पहुंची प्रशासन की टीम ने चेतावनी दी कि आप लोग दुकान-मकान को खाली कर दें. उजाड़े जाने के भय से भयभीत दुकानदार भी प्रशासन की कार्यप्रणाली को खामोशी से देख रहे थे. हालांकि, प्रशासन ने चेतावनी के बाद अभियान चलाने आइडीएच कॉलोनी में पहुंची. टीम ने अर्धनिर्मित मकानों व बाउंड्री को बुलडोजर व हथौड़ा चला कर गिराया .
इसके बाद टीम लगभग साढ़े चार बजे वापस लौटी. टीम में ंजिला से आये एडीएम के साथ एसडीओ किशोर कुमार प्रसाद, अंचलाधिकारी महेंद्र प्रसाद गुप्ता, अंचल निरीक्षक अंचल कुमार राणा व डीएसपी राजेश कुमार के साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस के जवान शामिल थे. एसडीओ किशोर कुमार प्रसाद ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में अभियान आगे भी चलाया जायेगा.