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कांटी और बरौनी थर्मल पावर स्टेशनों के दो-दो यूनिटों में काम जारी, मिलेगी 500 मेगावाट बिजली

पटना: अगर बिजली परियोजनाओं का काम समय पर पूरा हो गया, तो अगले साल तक राज्य में बिजली की उपलब्धता और बढ़ जायेगी. कांटी थर्मल पावर में 3154 करोड़ की लागत से 195 मेगावाट के दो यूनिटों की विस्तार योजना पर कार्य हो रहा है. अगले साल तक इसके पूरा होने की संभावना है. अगर […]

पटना: अगर बिजली परियोजनाओं का काम समय पर पूरा हो गया, तो अगले साल तक राज्य में बिजली की उपलब्धता और बढ़ जायेगी. कांटी थर्मल पावर में 3154 करोड़ की लागत से 195 मेगावाट के दो यूनिटों की विस्तार योजना पर कार्य हो रहा है. अगले साल तक इसके पूरा होने की संभावना है.

अगर समय पर दोनों यूनिट का विस्तार कार्य पूरा हो जाता है, तो राज्य को 390 मेगावाट बिजली मिलेगी. बरौनी थर्मल पावर प्लांट में भी 110 मेगावाट के दो यूनिटों की मरम्मत का काम हो रहा है. मार्च तक यहां से बिजली उत्पादन होने की संभावना है. यहां से 200 मेगावाट बिजली मिलेगी. इसके अलावा बरौनी थर्मल पावर प्लांट से 3134 करोड़ की लागत से 250 मेगावाट के दो यूनिटों का विस्तार हो रहा है. हालांकि इसके निर्माण कार्य पूरा होने की अवधि वर्ष 2016-17 है.

बाढ़ एनटीपीसी के स्टेज दो की एक यूनिट के चालू होने के बाद छह माह बाद दूसरे यूनिट से भी बिजली उत्पादन शुरू होगा. बाढ़ एनटीपीसी के स्टेज दो के दूसरे यूनिट से लगभग 330 मेगावाट बिजली मिलेगी. अगले साल तक राज्य को अपना उत्पादन व सेंट्रल सेक्टर से मिलनेवाली बिजली मिला कर लगभग चार हजार मेगावाट बिजली की उपलब्धता हो सकती है. इसके अतिरिक्त राज्य में नवीनगर में नये ताप विद्युत केंद्र की 660 मेगावाट की तीन इकाइयों की स्थापना की जा रही है. इस परियोजना को वर्ष 2016 तक पूरा कर लिये जाने की संभावना है. इससे उत्पादित बिजली से राज्य को 70 फीसदी बिजली मिलेगी. इसके अलावा नवीनगर स्टेज-2 की 660 मेगावाट की दो इकाइयों से 75 फीसदी बिजली राज्य को मिलेगी. कजरा, चौसा व बक्सर में 3960 मेगावाट बिजली उत्पादन परियोजना का काम हो रहा है.

बढ़ गयी उपलब्धता : पिछले माह 15 नवंबर को कांटी के दूसरे यूनिट व बाढ़ एनटीपीसी के स्टेज दो के पहले यूनिट से कॉमर्शियल उत्पादन शुरू होने से राज्य में बिजली की उपलब्धता बढ़ी है. राज्य का अभी अपना उत्पादन दो सौ बीस मेगावाट हो रहा है. इसमें लगभग दो सौ मेगावाट बिजली मिल रही है. सेंट्रल सेक्टर से बिहार की हिस्सेदारी फिलहाल 2829 मेगावाट है. राज्य सरकार अगले साल तक 4500 से पांच हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति की बात कह रही है. यह तभी संभव है, जब राज्य में बिजली परियोजना पर हो रहे काम समय पर पूरा हो जाये.

पेसू ने वसूल किये 87 करोड़

मंगलवार को पेसू जीएम राजीव अमित की अध्यक्षता में सभी कार्यपालक अभियंताओं की बैठक हुई, जिसमें नवंबर माह की राजस्व वसूली का ब्योरा मांग किया गया. पेसू क्षेत्र से माह नवंबर में 87 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है, जिसमें पेसू(पश्चिमी) से 52 करोड़ व पेसू(पूर्वी) से 35 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है. इसमें पेसू(पश्चिमी) के न्यू कैपिटल व दानापुर प्रमंडल में सबसे अधिक 13.5 व 13.5 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है. इसके साथ ही पाटलिपुत्र व डाकबंगला प्रमंडल में दस-दस करोड़ और गर्दनीबाग में सबसे कम 4.6 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है. पेसू जीएम ने सभी कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश दिया कि राजस्व वसूली धीमा चल रहा है, जिसे और गति देने की जरूरत है.

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