पटना: सिजेरियन प्रसव की जरूरत होने पर आपको प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेना पड़ सकता है, क्योंकि जिले के 34 अस्पतालों में से मात्र सात में ही सिजेरियन प्रसव की सुविधा मौजूद है. राजधानी के सात शहरी अस्पतालों में से मात्र तीन में ही यह सुविधा उपलब्ध है. जब शहर के अस्पतालों का यह हाल है, तो गांव के अस्पतालों का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है, जबकि स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर महिलाओं को सुरक्षित प्रसव कराने का दावा करता रहता है.
अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव सिर्फ घोषणा तक सीमित
स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2012 तक पटना जिले के सभी पीएचसी, रेफरल, अनुमंडलीय व शहरी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव कराने की घोषणा की थी. घोषणा के बाद विभाग की ओर से सुरक्षित प्रसव के लिए ऑपरेशन थियेटर की सभी सामग्री खरीदी गयी. बावजूद इसके वर्ष 2013 मार्च तक महज सात अस्पतालों में ही सिजेरियन की व्यवस्था हो पायी है, जिसमें पटना सिटी गुरुगोविंद सिंह, बाढ़ व दानापुर के अस्पताल शामिल हैं. बाकी अस्पताल में सामान्य प्रसव की ही व्यवस्था है.
कहीं कमी, तो कहीं काम नहीं करते डॉक्टर
कुछ अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है, तो कुछ अस्पतालों में तैनात महिला डॉक्टर मरीज को दूसरे अस्पताल में भेज देती हैं और उनको यह भी कहती हैं कि यहां प्रसव की व्यवस्था नहीं है. शहरी अस्पतालों में न्यू गार्डिनर रोड, गर्दनीबाग अस्पताल एवं राजेंद्र नगर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था की गयी है, लेकिन इन तीनों अस्पतालों की बात करें तो यहां एक साल में मात्र तीन महिलाओं ने सिजेरियन के माध्यम से बच्चे को जन्म दिया है. यहां सामान्य ढंग से प्रसव कराने वाली महिलाओं की संख्या 424 है.
अस्पताल में औजार नहीं, कैसे हो ऑपरेशन
प्रसव के लिए ओटी में प्रयोग होने वाला जरूरी औजार भी किसी अस्पताल में नहीं है. यदि सामान्य प्रसव भी कराना हो तो यह सामान किसी अस्पताल में बेहद आवश्यक है. ऐसी स्थिति में अस्पताल में ऑपरेशन कैसे किया जाये यह भी बड़ा सवाल है.