एसोसिएशन ऑफ न्यूरो साइंटिफिक ऑफ इस्टर्न इंडिया के वार्षिक अधिवेशन का समापन संवाददाता,पटना ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन करते समय अगर एमआरआइ हो, तो इसका फायदा चिकित्सक व मरीज दोनों को मिलता है. चिकित्सक को यह देखने में आसानी होती है कि ट्यूमर को कितना निकला और अभी कितना निकालना बाकी है. यह सुविधा अभी दिल्ली के एक – दो हॉस्पिटल में ही है. इस विधि को देश के सभी राज्यों में शुरू करने की जरूरत है. ये बातें रविवार को होटल मौर्या में आयोजित एसोसिएशन ऑफ न्यूरो साइंटिफिक ऑफ इस्टर्न इंडिया के वार्षिक अधिवेशन में दिल्ली से आये न्यूरो सर्जन डॉ अभयानंद ने कहीं. उन्होंने कहा कि न्यूरो सर्जरी में हाल के दिनों में कई ऐसी प्रक्रिया आयी है, जिसके सहारे गंभीर से गंभीर मरीजों का भी बेहतर इलाज हो सकता है. पीएमसीएच के न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ एके अग्रवाल ने कहा कि बहुत-सी बीमारियों में ट्यूमर ब्रेन में नहीं होकर खोपड़ी में कहीं रहता है, जिसके कारण भी सिर में तेज दर्द की शिकायत होती है. ऐसे में मरीज को डॉक्टर से मिलना चाहिए और जांच के बाद चिकित्सक के बताये रास्ते पर चलना चाहिए. कई बार माइग्रेन के कारण भी तेज दर्द होता है, लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता है. समापन समारोह में न्यूरो सर्जन डॉ सनातन रथ (ओडि़शा), डॉ एके सिंह, डॉ केएम झा, डॉ रवि भूषण शर्मा सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे.
एमआरआइ हो, तो ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन में आसानी : डॉ अभयानंद-सं
एसोसिएशन ऑफ न्यूरो साइंटिफिक ऑफ इस्टर्न इंडिया के वार्षिक अधिवेशन का समापन संवाददाता,पटना ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन करते समय अगर एमआरआइ हो, तो इसका फायदा चिकित्सक व मरीज दोनों को मिलता है. चिकित्सक को यह देखने में आसानी होती है कि ट्यूमर को कितना निकला और अभी कितना निकालना बाकी है. यह सुविधा अभी दिल्ली […]
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