पटना: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नंद किशोर यादव के समय में राजधानी के तीन शहरी अस्पतालों को सुपर स्पेशियलिटी का दर्जा दिया गया.
इसी में राजेंद्र नगर अस्पताल भी शामिल है. इसमें 2007 के बाद नेत्र बीमारी को ठीक करने के लिए लाखों की मशीनें खरीदी गयीं, पर उसे चलाने के लिए चिकित्सकों व टेक्नेशियनों की आज भी कमी है.
सिर्फ मोतियाबिंद व जेनरल बीमारियों का ही इलाज होता है. परिसर में पीपीपी मोड में कई बीमारियों की जांच होती है, लेकिन वह भी बिल्कुल साधारण हैं. बाकी जांच परिसर के बाहर होता है.