पटना: नगर आयुक्त कोर्ट और ट्रिब्यूनल के फैसले को धत्ता बताते हुए शुक्रवार को सेंट्रल मॉल का उद्घाटन कर दिया गया. जदयू विधायक अनंत कुमार सिंह ने खुद मॉल का उद्घाटन किया. इस मौके पर बेलागंज के विधायक व पूर्व मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव सहित कई लोग उपस्थित रहे.
इधर, नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि कानून का राज स्थापित करना पुलिस प्रशासन का काम है और वह इसमें सफल नहीं हो सका. मालूम हो कि सीडब्लूजेसी संख्या 8152/2013 नरेंद्र मिश्र बनाम बिहार राज्य मामले में हाइकोर्ट ने अवैध निर्माण को रोकने के लिए निर्देश दिया था. इसमें नगर निगम द्वारा बिल्डिंग बाइलॉज के विरुद्ध अवैध निर्माणाधीन भवन पर रोक लगाते हुए निगरानी ने भी आदेश पारित किया था, लेकिन इसके विरुद्ध भवन का निर्माण किया गया. निगरानी वाद में नगर निगम द्वारा अंतिम आदेश पारित किया गया कि विचलित अंश को तोड़े व बिना ऑक्यूपेंसी परमिशन के भवन का उपयोग नहीं किया जाये.
दोपहर में हुई बातचीत
सूत्रों के मुताबिक कार्यपालक अभियंता अविनाश सिंह और मॉल की तरफ से अधिवक्ता पुलिस के समक्ष वार्ता हुई. इसमें पहले सहमति बनी कि उद्घाटन टाल दिया जाये. लेकिन, फिर बाद में उद्घाटन हो गया.
क्या कहते हैं नगर आयुक्त?
नगर निगम आयुक्त कुलदीप नारायण ने बताया कि पुलिस प्रशासन को चाहिए था कि वह उद्घाटन पर रोक लगाती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हमने एसपी और डीएम को पत्र भी लिखा, लेकिन नगर आयुक्त कोर्ट और हाइकोर्ट के फैसले की अवमानना करते हुए उद्घाटन किया गया. कानून का राज पुलिस प्रशासन को ही लागू करना है और वह इसमें विफल रहा है.
क्या कहते हैं एसडीओ?
सदर एसडीओ अमित कुमार ने कहा कि इसमें नगर निगम के कार्यपालक अभियंता को एफआइआर करनी है. मॉल का उद्घाटन गैरकानूनी है. उसे बंद किया जायेगा.
क्या कहते हैं एसएसपी?
एसएसपी ने कहा कि नगर आयुक्त का आरोप निराधार है. गुरुवार को मिली चिट्ठी में इस
तरह की कोई जानकारी नहीं है कि पुलिस खुद ही जाकर मॉल को बंद कराये. अगर किसी प्रकार के उल्लंघन की बात सामने आती है, तो नगर निगम द्वारा इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी जानी चाहिए थी. लेकिन, इसके बावजूद प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करायी गयी?