पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लड़कियों को अनिवार्य तौर पर पढ़ाने का आह्वान किया है. प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से आयोजित ‘महिला शिक्षा का महत्व’ विषयक सेमिनार में उन्होंने कहा कि अब जमाना लाठी में तेल पिलाने का नहीं है. ज्ञान का युग है. लाठी में तेल पिलाने से कुछ नहीं होगा. कलम में स्याही भरें.
पढ़ने-लिखने से ही सब कुछ संभव है. मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार की कोशिश है कि अगले 10 साल के बाद जब जनगणना हो, तो साक्षरता दर बिहार देश के चुनिंदा पांच-सात राज्यों में हो. राज्य में महिलाओं की साक्षरता दर में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है. यह देश में सबसे अधिक है. 53 फीसदी से अधिक महिलाएं साक्षर हुई हैं.
लड़कों के साथ ही लड़कियों की शिक्षा भी जरूरी है. एक लड़की पढ़ ले, तो पूरा परिवार शिक्षित हो जाता है. इसलिए, सरकार ने हर पंचायत में हाइस्कूल खोलने की योजना बनायी है. इस वित्तीय वर्ष में एक हजार हाइस्कूल खोले जायेंगे. प्राइवेट स्कूल संचालकों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्तर पर लड़कियों की शिक्षा के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद निजी स्कूलों में भी गरीब बच्चों का नामांकन करना है. कार्यक्रम में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नौशाद अहमद, इमारत-ए-शरिया के महासचिव अनीसुर्रहमान कासमी भी मौजूद थे.