राज्य की प्रजनन दर सभी राज्यों की तुलना में होगी सर्वाधिक
पटना : स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग द्वारा जारी आकलन के अनुसार 2036 तक बिहार की जनसंख्या में कई परिवर्तन आ जायेंगे. जनसंख्या आयोग द्वारा जारी आकलन में बताया गया है कि 2031-35 तक राज्य का नवजात मृत्यु दर (आएमआर) घटकर 26.9 तक पहुंच जायेगी. उस दौरान देश का राष्ट्रीय नवजात मृत्यु दर औसतन 30 रहेगी. नवजात मृत्यु दर 1000 जीवित रूप से जन्म लेनेवाले उन बच्चों का होता है, जो अपना पहला जन्मदिन नहीं मना पाते हैं. जहां राज्य के नवजातों की मृत्यु दर में कमी आयेगी, तो दूसरी ओर राज्य का प्रजनन दर 2035 तक 2.38 पर होगा.
एक दंपती के संतानों की औसत संख्या ही प्रजनन दर होती है. 2031-35 तक देश में बिहार ही ऐसा इकलौता राज्य होगा जिसका सकल प्रजनन दर दो से अधिक होगी.
राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग का आकलन
जनसंख्या आयोग द्वारा जारी आकलन में बताया गया है राज्य की वर्तमान जनसंख्या (जनगणना 2011) में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 918 है. वर्ष 2035 तक प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बढ़कर 935 हो जायेगी. इसके बावजूद उस समय भी राज्य का लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत 957 से कम ही होगा. राज्य सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर राज्य की हर पंचायत में प्लस टू स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. बालिकाओं में शिक्षा स्तर अधिक होने का असर आबादी नियंत्रण से जुड़ा है. जनसंख्या का दबाव का असर भूमि पर भी दिखेगा.
राज्य में प्रति किमी पर रहते हैं 1106 लोग
जनगणना 2011 के अनुसार राज्य में प्रति वर्ग किलोमीटर में 1106 लोग निवास करते हैं वहीं वर्ष 2036 तक प्रति वर्ग किलोमीटर में रहनेवाले लोगों की संख्या बढ़कर 1578 हो जायेगी. आकलन में बताया गया है कि राज्य की 15-24 वर्ष की जनसंख्या 2031 तक बढ़कर 2.6 करोड़ हो जायेगी. इस वर्ष की आयु वर्ग के लोगों में वर्ष 2036 में गिरावट होगी और यह 2.5 करोड़ हो जायेगी.