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पटना : चार जिलों में फंसी इंडो नेपाल सीमा पथ परियोजना

पटना : बिहार में बनने वाली इंडो-नेपाल पथ परियोजना में सड़क निर्माण के लिए आवश्यक जमीन अधिग्रहण का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. जमीन अधिग्रहण करने व मुआवजा देकर दखल करने का काम राज्य के पांच जिलों मसलन सीतामढ़ी, सुपौल, पूर्वी चंपारण, अररिया, मधुबनी में बाकी है. बीते दिनों राजस्व व भूमि […]

पटना : बिहार में बनने वाली इंडो-नेपाल पथ परियोजना में सड़क निर्माण के लिए आवश्यक जमीन अधिग्रहण का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. जमीन अधिग्रहण करने व मुआवजा देकर दखल करने का काम राज्य के पांच जिलों मसलन सीतामढ़ी, सुपौल, पूर्वी चंपारण, अररिया, मधुबनी में बाकी है.
बीते दिनों राजस्व व भूमि सुधार विभाग की ओर से की गयी समीक्षा बैठक में सभी जिलों को अधिग्रहण का काम पूरा करने के निर्देश दिया गया है. बिहार से लगी नेपाल सीमा पर बिहार में लगभग 557 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया जाना है. इस सड़क को 2022 तक पूरा किया जाना है. राज्य सरकार की कोशिश है कि सड़क निर्माण पहले ही पूरा कर लिया जाये. यह योजना लगभग नौ वर्ष पुरानी है.
सीतामढ़ी जिले के लगभग 60 राजस्व गांवों में कुल लगभग 558.51 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसके लिए लगभग 306.8 करोड़ रुपये का मुआवजा देना है, लेकिन अब तक 261.41 करोड़ की राशि का ही वितरण किया गया है.
सीतामढ़ी जिला के भू-अर्जन पदाधिकारी ने विभाग को जानकारी दी है कि आगे 8.39 करोड़रुपये मुआवाजे की प्रक्रिया चल रही है. लगभग 80 फीसदी भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है. वहीं, सुपौल में सात राजस्व गांवों में 32.28 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. इसमें अब तक 26.10 एकड़ भूमि पर दखल -कब्जा किया जा चुका है. वहीं, 106.59 करोड़ रुपये मुआवजे में 21.744 करोड़ का मुआवजा दिया जा चुका है.

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