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पटना : आइजीआइएमएस में हजार रुपये के अंदर होगी मेमोग्रॉफी
डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से मेमोग्राफी मशीन लगायी जा रही है पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इसी सप्ताह से हजार रुपये के अंदर में स्तन कैंसर की जांच शुरू हो जायेगी. यहां रेडियोलॉजी विभाग में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से खरीदी गयी मेमोग्रॉफी मशीन लगायी जा रही है. इसे शुरू करने […]
डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से मेमोग्राफी मशीन लगायी जा रही है
पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इसी सप्ताह से हजार रुपये के अंदर में स्तन कैंसर की जांच शुरू हो जायेगी. यहां रेडियोलॉजी विभाग में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से खरीदी गयी मेमोग्रॉफी मशीन लगायी जा रही है. इसे शुरू करने के बाद अर्ली स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग की जा सकेगी. इसके बाद बीमारी का इलाज कराया जा सकेगा. यहां आधुनिकतम तकनीक वाली मशीन लगायी गयी है जो अभी केवल
एम्स जैसे सरकारी संस्थान में मौजूद हैं. कई बार महिलाओं को स्तन कैंसर होने का पता काफी बाद में चलता है और इस स्थितिमें उनका इलाज हो पाना काफी मुश्किल हो जाता है. जिन महिलाओं में इसकी पहचान शुरुआत में हो जाती है, उनका इलाज करना काफी आसान हो जाता है. इसके लिए आजकल चिकित्सक युवतियों को नियमित रूप से मेमोग्राफी करवाने की सलाह दे रहे हैं.
स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए मेमोग्राफी
स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए मेमोग्राफी तकनीक का प्रयोग किया जाता है. इससे महिलाओं के स्तनों में होने वाले ट्यूमर का पता लगाया जाता है. पहले स्तन कैंसर की समस्या केवल उम्रदराज महिलाओं में होती थी लेकिन आजकल कम उम्र की महिलाओं में भी स्तन कैंसर की आशंका तेजी से बढ़ रही है. 30 से 40 वर्ष की महिलाओं में इसका प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा है. अक्सर महिलाएं स्तन कैंसर के खिलाफ जागरूक नहीं रहती हैं और वे इनके लक्षणों को जान नहीं पातीं हैं और जब तक स्तन कैंसर का पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है. यही कारण है कि आज की तारीख में बहुत बड़ी संख्या में युवतियां इस कैंसर का शिकार हो रही हैं.
डॉक्टर की सलाह लें
जीवनशैली में आये बदलाव के कारण महिलाएं तेजी से स्तन कैंसर की चपेट में आ रही हैं. स्तन में किसी प्रकार की गांठ महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और मेमोग्राफी करवायें. स्तन संबंधी हर परेशानी कैंसर नहीं होती है. ऐसी परेशानियां मासिक में बदलाव या फिर हार्मोनल डिसबैलेंस से भी हो सकती हैं. अत: डरे नहीं इसकी जांच के लिए विशेषज्ञ से मिलें.
-डॉ एसके सुमन, रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख, अाइजीआइएमएस
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