अनिकेत त्रिवेदी
पटना : बैंकों से ली गयी कर्ज की रकम आम तौर पर गरीब तबके के लोग वापस कर दे रहे हैं. जबकि, मध्यम व अमीर वर्ग के लोगों काे मिला कर्ज एनपीए बढ़ा रहा है. राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी के ताजा आंकड़ा बताते हैं कि राज्य में बैंकों का एनपीए 11.62 फीसदी है. वहीं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत व्यक्तिगत गरीब को दिये गये लोन का एनपीए मात्र 2.21 फीसदी है.
इसे भी जानें
- मात्र 30 दिनों का प्रशिक्षण.
- लोन के लिए न्यूनतम शिक्षा की जरूरत नहीं.
- महिला स्वयं सहायता समूहों को तीन प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज का अनुदान.
छह हजार से अधिक को कर्ज
नगर विकास व आवास विभाग की ओर से चलाये जा रहे राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत तीन वर्षों में राज्य भर के 6555 लोगों को कर्ज दिया गया है. इसके अलावा 2019-20 में 2400 लोगों को कर्ज देने का लक्ष्य रखा गया है. कर्ज की राशि इस साल 293 को दी जा चुकी है. अब तक 864 समूहों को ऋण दिया गया है. इस वर्ष का लक्ष्य 2300 वर्ग समूहों को देने का है, जबकि सौ समूहों को पैसे दिये जा चुके हैं. गौरतलब है कि इस योजना के तहत प्रशिक्षण के बाद व्यापार करने के लिए दो से 10 लाख रुपये तक कर्ज देने का प्रावधान है.
18 से 59 वर्ष के लोगों को लाभ
इस योजना का लाभ देने के लिए स्थानीय नगर निकाय के माध्यम से कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण देने का काम किया जाता है. इसमें 18-59 वर्ष के लोगों को प्रशिक्षण के बाद व्यापार के लिए बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाता है.
एक बैच में 15 से 30 व्यक्ति प्रशिक्षण पाते हैं. राज्य में अब तक 19 हजार 523 स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है. इसमें कुल एक लाख 95 हजार 985 लोगों को लाभ मिला है. कुल 41 नगर निकायों में काम चल रहा है. इस वर्ष चार हजार समूह व 40 हजार लोगों को तैयार करने का लक्ष्य है.