पटना सिटी: केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद, नयी दिल्ली की मंजूरी के बाद क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा गांव के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए दो गांवों का चयन किया गया है. इनमें एक गांव वैशाली के हाजीपुर प्रखंड का गौसपुर है, तो दूसरा पटना के नौबतपुर प्रखंड का पीपलामा है.
दोनों गांवों में एक साल तक चलंत इकाई यूनिट से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान किया जायेगा. इतना ही नहीं यूनिट में तैनात चिकित्सक उनको स्वस्थ्य रहने, स्वच्छ पानी के भंडारण व अन्य जानकारी भी देंगे. संस्थान के प्रभारी उपनिदेशक डॉ मो अयूब खां ने बताया कि चार गांवों में सव्रे के बाद दो गांवों में कार्य की अनुमति दिल्ली से मिली है.
साढ़े 21 हजार आबादी होगी लाभान्वित
श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल परिसर में संचालित संस्थान के प्रभारी उपनिदेशक डॉ मो अयूब खां ने बताया कि निरोग रहने के उपाय से दोनों गांवों में साढ़े 21 हजार की आबादी लाभान्वित होगी. डॉ अयूब अनुसार गौसपुर (वैशाली) में टीम द्वारा कराये गये सव्रे के बाद 11 हजार की आबादी पायी गयी. इसी प्रकार पीपलामा (पटना) में साढ़े दस हजार की आबादी है. दोनों गांवों में साल भर एक -एक कैंप लगाया जायेगा.
कैंप मंगलवार व बृहस्पतिवार को लगाया जायेगा. चिकित्सक ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच कर दवा भी उपलब्ध करायेंगे. चिकित्सक विद्यालय में जाकर बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करेंगे. न्यायिकदानी निरीक्षण क्लिनिक के नाम से चलंत इकाई द्वारा स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जायेगा. यूनिट के प्रभारी डॉ इस्तेयाक आलम हैं. इनके नेतृत्व में दल गांवों में जाकर उपचार करेगा.
योजना की खास बात
– गांव में नि:शुल्क चिकित्सकीय परामर्श
– उपचार के साथ मुफ्त यूनानी दवाओं का वितरण
– स्वास्थ्य शिक्षण संगोष्ठी व परिचर्चा का आयोजन
– स्वास्थ्य जागरूकता अभियान
– स्वास्थ्य संबंधी पुस्तकों का वितरण
– रेफरल सेवा व स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन