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जेएनयू छात्र संघ चुनाव में बिहारी स्टूडेंट्स पर लगाये जा रहे दांव
अनुराग प्रधान जेएनयू सेंट्रल पैनल पर हमेशा से बिहारी स्टूडेंट्स का रहा है दबदबा पटना : जेएनयू छात्र संघ चुनाव की घोषणा होते ही कैंपस में गतिविधियां बढ़ गयी है. छह सितंबर को होने वाले छात्र संघ चुनाव को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. इस बार भी चुनाव […]
अनुराग प्रधान
जेएनयू सेंट्रल पैनल पर हमेशा से बिहारी स्टूडेंट्स का रहा है दबदबा
पटना : जेएनयू छात्र संघ चुनाव की घोषणा होते ही कैंपस में गतिविधियां बढ़ गयी है. छह सितंबर को होने वाले छात्र संघ चुनाव को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. इस बार भी चुनाव में लेफ्ट यूनिटी देखने को मिलेगी. रविवार देर शाम जेएनयू में आइसा, एआइएसएफ, एसएफआइ और डीएसएफ की बैठक हुई.
बैठक में एक लेफ्ट यूनिटी एक साथ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.इसके साथ ही अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने वाले छात्र का नाम भी सामने आ गया है. लेफ्ट यूनिटी के तरफ से तमिलनाडु के दलित छात्र नितिन द्रविड़ अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ सकते हैं. इसके साथ बैठक में बाकी तीन सीटें में से दो सीटों पर बिहारी छात्रों पर दांव लगाया जा सकता है.
हालांकि अभी नाम तय नहीं हुआ है. जेएनयू छात्र संघ के पूर्व जेनरल सेक्रेटरी संदीप सौरभ ने बताया कि अभी अध्यक्ष पद के नाम पर विचार चल रहा है. बिहारी स्टूडेंट्स लगातार जेएनयू छात्र संघ चुनाव के सेंट्रल पैनल में अपनी उपस्थिति दर्ज किये और चुनाव में जीते हैं. केवल 2017 में सेंट्रल पैनल पर बिहार से कोई स्टूडेंट्स नहीं थे.
लेकिन इस बार जरूर बिहार के स्टूडेंट्स भी सेंट्रल पैनल में शामिल रहेंगे. वहीं, एआइएसएफ की तरफ से जेएनयू छात्र संघ चुनाव के इंचार्ज बनाये गये सुशील कहते हैं कि सेंट्रल पैनल में बिहार के स्टूडेंट्स शामिल होंगे. पिछली बार लेफ्ट यूनिटी में आइसा के पास अध्यक्ष पद, एआइएसएफ के पास संयुक्त सचिव, एसएफआइ के पास महासचिव और डीएसएफ के पास उपाध्यक्ष का पद था. इस बार थोड़ा बहुत चेंज हो सकता है. पदों का रोटेशन हो सकता है.
वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार किये जा रहे तय
लेफ्ट के अलावा एबीवीपी, एनएसयूआइ और बापसा भी इस बार चुनावों को लेकर बैठक शुरू कर दी है. उम्मीदवारों पर चर्चा जोर पर है. वहीं, एबीवीपी सेंट्रल पैनल पर बिहारी स्टूडेंट्स को चुनाव लड़वा सकती है. वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार तय किये जा रहे हैं. कैंपस में बिहारी स्टूडेंट्स की सक्रियता ज्यादा होने के कारण बिहारी स्टूडेंट्स पर सभी संगठन दांव लगाना चाह रहे हैं.
इस बार 31 के स्थान पर 40 काउंसेलर्स चुने जायेंगे : रविवार को को टेंटेटिव वोटर लिस्ट जारी कर दी गयी. सोमवार को नॉमिनेशन फॉर्म मिलने लगेगा. 27 अगस्त से नॉमिनेशन फॉर्म भरे जायेंगे. 28 को वैलिड नॉमिनेशन की लिस्ट जारी होगी. इस बार नये नियम के तहत स्कूल काउंसेलर्स की संख्या में बढ़ोतरी होगी. नये बदलाव के तहत चार केंद्रीय पैनल के साथ अब 31 की जगह 40 से अधिक काउंसेलर्स चुने जायेंगे.
बिहार से अब तक जीते उम्मीदवार
2012 में ज्वाइंट सेक्रेटरी पीयूष राज नालंदा और जेनरल सेक्रेटरी शकील अंजुम भी बिहार के थे. 2013 में जेनरल सेक्रेटरी संदीप सौरभ बिहार मनेर के थे. 2014 में बाढ़ के आशुतोष अध्यक्ष और आरा की चिंटू कुमारी जेनरल सेक्रेटरी बनी थी. यह सभी आइसा के थे. 2015 में एआइएसफ की ओर से बेगूसराय के कन्हैया कुमार अध्यक्ष बने थे. 2016 में सीमांचल जिले के तबरेज हसन ज्वाइंट सेक्रेटरी बने थे. 2017 में सेंट्रल पैनल में बिहार से कोई शामिल नहीं थे. 2018 में मुजफ्फरपुर की सारिका चौधरी उपाध्यक्ष बनी थी.
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