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मसौढ़ी : प्रखंडों में हजारों चापाकल खराब, 2353 की मरम्मत भी नहीं हो सकती
मसौढ़ी : अनुमंडल के तीनों प्रखंडों मसौढ़ी व धनरूआ एवं पुनपुन की विभिन्न पंचायतों में विभागीय आंकड़ों के मुताबिक अपेक्षाकृत चापाकलों की स्थिति काफी हद तक ठीक है .वहीं, प्रखंड के द्वारा उपलब्ध आंकड़े विभाग के आंकड़े से भिन्न हैं . इस आंकड़े के अनुसार यहां चापाकलों की स्थिति बदतर है. इस संबंध में लोक […]
मसौढ़ी : अनुमंडल के तीनों प्रखंडों मसौढ़ी व धनरूआ एवं पुनपुन की विभिन्न पंचायतों में विभागीय आंकड़ों के मुताबिक अपेक्षाकृत चापाकलों की स्थिति काफी हद तक ठीक है .वहीं, प्रखंड के द्वारा उपलब्ध आंकड़े विभाग के आंकड़े से भिन्न हैं .
इस आंकड़े के अनुसार यहां चापाकलों की स्थिति बदतर है. इस संबंध में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता के नारायणन ने जो आंकड़े उपलब्ध कराये हैं वह प्रखंड कार्यालय के द्वारा उपलब्ध आंकड़े से मेल नहीं खाते हैं .
मसौढ़ी प्रखंड: कार्यपालक अभियंता के नारायणन के मुताबिक प्रखंड की 18 पंचायतों में कुल 1486 चापाकलों में 1028 चापाकल हैं .शेष 458 चापाकल खराब हैं और बनने योग्य नहीं रह गये.उन्होंने बताया कि 150 चापाकल प्रखंड की विभिन्न पंचायतों के वैसे वार्ड जहां नल का जल नहीं हैं खासकर महादलित टोलों में लगाने के लिए सरकार से आग्रह किया गया है .
उधर, बीडीओ पंकज कुमार ने बताया कि पूर्व में साधारण चापाकल विभिन्न योजनाओं से प्रखंड की सभी पंचायतों मेंकरीब 400 लगे थे, जो सब- के- सब बेकार पड़े हैं . प्रखंड की सभी पंचायतों में 200 नये चापाकल लगाने का आग्रह विभाग से किया गया है .
धनरूआ प्रखंड: कार्यपालक अभियंता के मुताबिक प्रखंड की कुल बीस पंचायतों में कुल 1525 चापाकलों में से 1038 चापाकल चालू स्थिति में हैं .
487 चापाकल खराब हैं, जो बनने योग्य नहीं हैं .यहां 150 नये चापाकल लगाने का आग्रह सरकार से किया गया है. वहीं, प्रखंड कार्यालय का आंकड़ा कुछ अलग ही बयां कर रहा है .प्रखंड द्वारा उपलब्ध सूची के मुताबिक कुल 1539 चापाकलों में 577 चालू हालत में हैं. 962 खराब हैं . इनमें 131 बनाने के बाद चालू कर दिया गया है .शेष 91 चालू होने की प्रक्रिया में हैं .
पुनपुन प्रखंड: पुनपुन प्रखंड के संबंध में कार्यपालक अभियंता ने बताया कि प्रखंड की कुल 14 पंचायतों में कुल 1691 चापाकलों में 1224 चापाकल चालू स्थिति में हैं .शेष 467 चापाकल खराब पड़े हैं और बनने योग्य नहीं हैं . यहां भी प्रखंड द्वारा उपलब्ध आंकड़े में भिन्नता है.
(इनपुट: अजय कुमार, अजीत, संजय कुमार, सिकंदर, संजय पांडेय )
85 चापाकलों में 45 चापाकल खराब
खगौल. नगर पर्षद क्षेत्र में स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग व स्थानीय विधायक निधि द्वारा कुल 85 चापाकल लगाये गये हैं. इनमें 45 चापाकल मरम्मत के अभाव में बंद पड़े हुए हैं. इनकी मरम्मत तक नहीं हो सकती है. इस संबंध में नप के अभियंता रंजन कुमार ने बताया कि सभी वार्ड पार्षदों से उनके क्षेत्र में लगे सभी चापाकलों की स्थिति की रिपोर्ट मांगी गयी है.
दानापुर प्रखंड में 1279 में 246 चापाकल बंद
दानापुर. पूरे प्रखंड में पेयजल संकट व्याप्त है. प्रखंड की 13 पंचायतों में 1279 चापाकल हैं, पर 246 खराब पड़े हुए हैं. बताया जाता है कि सरकार द्वारा जहां दो सौ फुट चापाकल की बोरिंग के लिए राशि मिल रही है, वहीं, संवेदक मात्र 50 फुट ही बोरिंग करवा रहे हैं. गर्मी के कारण लेयर नीचे चल जाने से चापाकल फेल कर जा रहे हैं. पीएचइडी के सहायक कार्यपालक अभियंता रामानुज सिंह ने बताया कि 177 चापाकल बेकार हो गये हैं. इनकी मरम्मत तक नहीं हो सकती है. यह देखते हुए 220 नया चापाकल गाड़ने के लिए विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया है.
स्थिति बेहतर पर 676 चापाकलों की और जरूरत
पालीगंज. 25 पंचायतों वाले इस प्रखंड में सरकारी आंकड़े के अनुसार 1257 चापाकल हैं, जिनमें 1080 की स्थिति ठीक-ठाक है. वहीं, 177 चापाकल मरम्मत योग्य नहीं रहे. दूसरी ओर, सरकारी आंकड़ों के अनुसार इलाके में 676 और चापाकल की आवश्यकता है. हालांकि, इतने से ही क्षेत्र की जनता प्यास नहीं बुझने वाली है और करीब हजार चापाकल की आवश्यकता है. इस बाबत पीएचइडी के जेइ रामानुज सिंह ने बताया कि बताया कि फिलवक्त में 676 चापाकलों की आवश्यकता है. इसके लिए विभाग को रिपोर्ट भेज दी गयी है.
470 चापाकल देखरेख के अभाव में बंद
बिहटा : बिहटा प्रखंड में कुल 26 पंचायत हैं. इनमें मार्का टू और थ्री 1665 और 964 साधारण चापाकल हैं.इनमें 470 चापाकल देखरेख के अभाव में पूर्णतः बंद हैं. इस संबंध में पीएचडी के अभियंता विमल कुमार रजक ने बताया कि प्रखंड में बंद पड़े चापाकल की मरम्मती का कार्य जारी है. वहीं, उन्होंने बताया कि करीब 255 चापाकल जाम हो गये हैं. इनकी मरम्मत तक नहीं हो सकती है. इसकी जानकारी वरीय अधिकारी को दे दी गयी है.शेष की मरम्मती कार्य चल रहा है.
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