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उपभोक्ता आयोग की तरह काम करेगी उपभोक्ता अदालतें, अब 90 दिनों में मिलेगा उपभोक्ताओं को न्याय

नयी दिल्ली : केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर उपभोक्ता संरक्षण बिल के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नये बिल से उपभोक्ताओं को जल्द न्याय मिलेगा. उपभोक्ता अदालत अब उपभोक्ता आयोग की तरह कार्य करेगा. उपभोक्ताओं को अब 90 दिनों के […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर उपभोक्ता संरक्षण बिल के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नये बिल से उपभोक्ताओं को जल्द न्याय मिलेगा. उपभोक्ता अदालत अब उपभोक्ता आयोग की तरह कार्य करेगा. उपभोक्ताओं को अब 90 दिनों के भीतर न्याय मिलेगा. साथ ही उत्पाद की शिकायत 21 दिनों में दर्ज हो जायेगी.

उन्होंने कहा कि सर्विस चार्ज की आड़ में उपभोक्ता को लूटने के मामले में सख्ती की गयी है. राष्ट्रपति की अनुशंसा के लिए उपभोक्ता बिल भेज दिया गया है. यह अब एक्ट का रूप धारण कर चुका है. उपभोक्ता संरक्षण बिल-2019 में सीसीपीए का गठन किया गया है. कंज्यूमर कोर्ट और फोरम अब कंज्यूमर कमीशन हो जायेंगे. कोर्ट या फोरम उसी केस को पहले देखेंगे, जिनकी शिकायत उनके पास की जायेगी. साथ ही सीसीपीए के पास स्वत: संज्ञान लेने का भी अधिकार होगा.

सीसीपीए के संबंध में जानकारी देते उन्होंने बताया कि सीसीपीए से उपभोक्ताओं को विशेषाधिकार मिलेगा. अब सामान बिना खरीदे या खरीदने से पहले शिकायत की जा सकती है. सीसीपीए का अपना इन्वेस्टिगेशन विंग भी होगा. सीसीपीए में न्यायिक प्रक्रिया सरल होगी. अब उपभोक्ता कहीं भी शिकायत कर सकते हैं. मालूम हो कि उपभोक्ता को पहले वहीं शिकायत करनी होती थी, जहां से सामान खरीदा है. मीडिया के लिए कानून में सख्त प्रावधान किये गये हैं. कानून में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से कहा गया है कि जितना लिखित दिये जायें, सिर्फ उतना ही प्रचारित करें या दिखाएं. बिल में विज्ञापन करनेवाले सेलिब्रिटी के लिए जेल का प्रावधान नहीं है. हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट होने पर आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है. ब्रांड का प्रचार करनेवाले सेलिब्रिटी पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है. सेलिब्रिटी के खिलाफ 10 लाख रुपये तक जुर्माना और एक साल तक प्रचार करने पर रोक के भी प्रावधान शामिल किये गये हैं. हर प्रोडक्ट पर मैन्युफैक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट के साथ-साथ प्रोडक्ट की कीमत भी स्पष्ट लिखी होनी चाहिए.

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