पटना : राजकीयकृत उच्च एवं परियोजना बालिका उच्च विद्यालयों की भूमि की वर्तमान स्थिति का सरकारी अभिलेख से मिलान किया जायेगा. इस दौरान देखा जायेगा कि स्कूलों को कितनी जमीन दी गयी थी, कितने पर वे काबिज हैं? यह भी देखा जायेगा कि स्कूलों की जमीन पर अवैध कब्जे तो नहीं जमा लिये गये हैं. इस आधार पर जुटाया गया ब्योरा पटना जिले सहित 19 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों से एक सप्ताह के अंदर मांगा गया है. अकेले पटना जिले में इस तरह के 300 से अधिक स्कूलों का ब्योरा जुटाना है.
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19 जिलों के हाइस्कूलों की भूमि का होगा सत्यापन
पटना : राजकीयकृत उच्च एवं परियोजना बालिका उच्च विद्यालयों की भूमि की वर्तमान स्थिति का सरकारी अभिलेख से मिलान किया जायेगा. इस दौरान देखा जायेगा कि स्कूलों को कितनी जमीन दी गयी थी, कितने पर वे काबिज हैं? यह भी देखा जायेगा कि स्कूलों की जमीन पर अवैध कब्जे तो नहीं जमा लिये गये हैं. […]
पटना जिले के अलावा पश्चिमी एवं पूर्वी चंपारण, कटिहार, सुपौल, मधेपुरा, बेगूसराय, कैमूर, भोजपुर, रोहतास, नालंदा, मुंगेर, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बांका, गया, जहानाबाद और अरवल जिले के उच्च विद्यालयों की जमीन का ब्योरा तैयार करके मांगा गया है.
होगी विभागीय कार्रवाई
यह जानकारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने मांगी है. यह समूची जानकारी लोकायुक्त बिहार ने तलब की है. दरअसल लोकायुक्त बिहार में वीरेंद्र वी शर्मा बनाम मधेश्वर शर्मा एवं अन्य के संबंध में इस मामले में पारित आदेश के अनुपालन में यह जानकारी मांगी गयी है.
पत्र के मुताबिक इस मामले में एक अहम सुनवाई 22 अगस्त को लोकायुक्त बिहार के समक्ष होनी है. जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखे गये पत्र में बताया गया है कि अगर इस मामले में निर्धारित समय सीमा में जानकारी नहीं भेजी गयी, तो विभागीय कार्रवाई की जायेगी.
दिया गया है जमीन का अभिलेख : सूत्रों के मुताबिक प्रत्येक सरकारी उच्च विद्यालयों के पास जमीन का अभिलेख दिया गया है. उस अभिलेख और राजस्व विभाग के रिकॉर्ड से स्कूलों की जमीन की वर्तमान स्थिति का सत्यापन किया जाना है.
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