पटना : राज्य सरकार व एफसीआइ के साथ बनी कार्ययोजना के तहत अनाज का उठाव शुरू हो गया है. एफसीआइ ने बिहार सरकार पर निर्धारित प्रति दिन 20 हजार मीटरिक टन अनाज के उठाव की जगह मात्र 12500 मीटरिक टन के ही उठाव का आरोप लगाया है. एफसीआइ के प्रभारी महाप्रबंधक अमरेश कुमार ने कहा कि बिहार को अनाज की आपूर्ति के लिए एफसीआइ को प्रति दिन 10 रैक की आवश्यकता है.
उन्होंने बताया कि 11 जुलाई के बाद बिहार को प्रति दिन औसत छह रैक अनाज उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने कहा कि 16 और 17 जुलाई को बिहार के लिए आठ-आठ रैक अनाज उपलब्ध कराया गया था. कुमार ने कहा कि बिहार सरकार को प्रति दिन 32 हजार मीटरिक टन अनाज का उठाव करना है, जबकि 12500 मीटरिक टन अनाज का ही उठाव हो रहा है. उन्होंने कहा है कि जुलाई में दो रैक अनाज को गोदाम में जगह नहीं रहने के कारण दूसरी जगहों के लिए भेज दिया गया.
उन्होंने राज्य खाद्य निगम पर धीमी गति से उठाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि रक्सौल रेल हेड पर 16 जुलाई को गेहूं के रैक को उतारने के क्रम में 14 घंटे की देरी के कारण विलंब शुल्क का भुगतान करना पड़ा है. ऐसा रक्सौल गोदाम में जगह की कमी के कारण हुआ है. इस संबंध में राज्य खाद्य निगम के एमडी अरविंद चौधरी ने कहा है कि उठाव को नियमित करने में एक दो दिन की देरी हुई है, पर इसे अब तेज कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि उठाव में हो रही परेशानी को प्रति दिन के अनुभव के आधार पर दूर किया जा रहा है. इसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा. चौधरी ने कहा कि निर्धारित अवधि में अनाज के उठाव के लक्ष्य को पूरा कर लिया जायेगा.
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि उठाव कार्य शुरू होने के साथ ही उठाव में आनेवाली शुरुआती समस्याओं को दूर कर लिया गया है. अब उठाव की दिक्कतें नहीं होंगी. उधर, राज्य में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अनाज के उठाव सहित अन्य बिंदुओं पर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शनिवार को राज्य के सभी डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करेंगे. इस समीक्षा में मुख्यमंत्री त्वरित गति से अनाज के उठाव के निर्देश भी देंगे.